Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 02:16 PM
बाबा फरीद जी के नाम से बसे शहर फरीदकोट के इतिहास को कायम रखने के लिए रेलवे स्टेशन के सामने महाराजा की तस्वीरें लगाई गई हैं। इन तस्वीरों पर सर्च लाइटें और इसके दोनों तरफ सीढ़ी बनाकर उनमें छोटी लाइटें लगाई गई हैं। इस पर वैल्कम टू हिस्टोरीकल सिटी...
फरीदकोट (चावला): बाबा फरीद जी के नाम से बसे शहर फरीदकोट के इतिहास को कायम रखने के लिए रेलवे स्टेशन के सामने महाराजा की तस्वीरें लगाई गई हैं। इन तस्वीरों पर सर्च लाइटें और इसके दोनों तरफ सीढ़ी बनाकर उनमें छोटी लाइटें लगाई गई हैं। इस पर वैल्कम टू हिस्टोरीकल सिटी फरीदकोट अंग्रेजी के मोटे अक्षरों में एल.ई.डी. लाइटों के साथ लिखा हुआ था ताकि बाबा फरीद जी की नगरी फरीदकोट में बाहर से कोई भी यात्री शहर अंदर दाखिल हो तो उसे हिस्टोरीकल सिटी फरीदकोट बारे पता चल सके।
जिला प्रशासन की तरफ से लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद इसकी संभाल और देख-रेख न होने के कारण इसकी सीढ़ी वाली छोटी लाइटों और अंग्रेजी वाले लिखे शब्द वाली लाइटें ही रात को जलती हैं। इस पर इसकी चमक-दमक को दिखाने के लिए जो सर्च लाइटें पाइपें लगाकर लगाई गई थीं, कुछ महीनों के बाद ही गायब हो गई थीं केवल पाइपें ही नजर आ रही हैं। इसके साथ-साथ फु ट लाइटें भी गायब हो चुकी हैं, जिसका किसी को कुछ भी नहीं पता।
उल्लेखनीय है कि जिला फरीदकोट के पहले रह चुके डिप्टी कमिश्नर मालविन्द्र सिंह जग्गी ने सभ्याचारक सोसायटी के पड़े फंड में से लाखों रुपए खर्च किए थे, जिसका उद्घाटन बाबा फरीद मेले समय पर नए आए डिप्टी कमिश्नर राजीव पराशर और पहले रह चुके डिप्टी कमिश्नर मालविन्द्र जग्गी ने किया था।इस संबंधी रैडक्रास दफ्तर के साथ संबंधित सभ्याचारक सोसायटी के एडीशनल सैके्रटरी सुभाष चंद्र ने बताया कि मैंने अभी प्रभार संभाला है, इस बारे मुझे पता नहीं।
इस संबंधी पहले काम कर रहे रैडक्रास सभ्याचारक सोसायटी के सैक्रेटरी रोशन लाल गोयल ने बताया कि इस पर करीब 12 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इसकी रात को चमक-दमक रखने के लिए इसकी सर्च लाइटें बी.एंड आर. इलैक्ट्रीकल विभाग ने लगाई थीं और इसकी देख रेख रैडक्रास सभ्याचारक सोसायटी ने करनी थी। इस संबंधी राजीव पराशर डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि मामला मेरे ध्यान में अब आया है। इसकी देख रेख करने वालों को तुरंत हिदायत देकर जरूरी काम करवाया जाएगा।