Edited By Vatika,Updated: 17 Oct, 2018 12:00 PM
वेतन कम करने के मामले को लेकर संघर्षरत अध्यापकों के संघर्ष को उस समय बल मिला जब सार्वजनिक संगठनों ने अध्यापकों के समर्थन का ऐलान कर दिया। पंजाब व यू.टी. मुलाजिम एक्शन कमेटी, पी.एस.एफ. व सार्वजनिक संगठनों पर आधारित जे.एम.पी.ओ. के नेतृत्व में संगठनों...
बठिंडा: वेतन कम करने के मामले को लेकर संघर्षरत अध्यापकों के संघर्ष को उस समय बल मिला जब सार्वजनिक संगठनों ने अध्यापकों के समर्थन का ऐलान कर दिया। पंजाब व यू.टी. मुलाजिम एक्शन कमेटी, पी.एस.एफ. व सार्वजनिक संगठनों पर आधारित जे.एम.पी.ओ. के नेतृत्व में संगठनों ने शहर में रोष मार्च किया व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके गुस्सा निकाला।
उक्त रोष मार्च चिल्ड्रन पार्क से शुरू हुआ व विभिन्न बाजारों से होता हुआ अम्बेदकर पार्क में जाकर सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मोर्चा नेता महीपाल ने अध्यापकों के साथ हो रही धक्केशाही की ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि सरकार शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह समाप्त करने पर तुली हुई है जिससे शिक्षा आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के देशों में अध्यापकों को अहम दर्जा प्राप्त है लेकिन यहां अध्यापकों के साथ बेइंसाफी की जाती है। उन्होंने मांग की कि अध्यापकों की सभी मांगों को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संगठन मिलकर अध्यापकों के संघर्ष में उनका डटकर साथ देंगे।