निगम की बैठक: अंदर पार्षदों का हंगामा; बाहर सफाई कर्मियों की नारेबाजी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 10:53 AM

municipal corporation bathinda

नगर निगम के हाऊस की बैठक अकालियों व कांग्रेसियों की आपसी खींचतान की भेंट चढ़ गई। फंड्स न होने की बात कहकर नगर निगम ने अधिकांश काम करवाने से हाथ खड़े कर दिए जिसे लेकर पार्षदों में रोष फैल गया। बैठक  के दौरान अकाली व कांग्रेसी आपस में उलझते रहे व...

बठिंडा (परमिंद्र): नगर निगम के हाऊस की बैठक अकालियों व कांग्रेसियों की आपसी खींचतान की भेंट चढ़ गई। फंड्स न होने की बात कहकर नगर निगम ने अधिकांश काम करवाने से हाथ खड़े कर दिए जिसे लेकर पार्षदों में रोष फैल गया। बैठक  के दौरान अकाली व कांग्रेसी आपस में उलझते रहे व एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। हंगामे के दौरान नगर निगम द्वारा लाया गया कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं हो सका जिस कारण बैठक 14 मार्च को फिर से बुलानी पड़ी। बैठक की अध्यक्षता नगर निगम के मेयर बलवंत राय नाथ ने की जबकि बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल, डिप्टी मेयर गुरिंद्रपाल कौर मांगट, नगर निगम कमिश्नर संयम अग्रवाल व अन्य अधिकारी तथा पार्षद उपस्थित रहे।


विपक्ष ने कांग्रेस पर फंड्स न देने के लगाए आरोप
कांग्रेसी पार्षदों ने नगर निगम से स्थानीय लैवल के काम न होने संंबंधी जवाब मांगें तो इसके जवाब में अकाली दल के पार्षदों ने प्रदेश की सत्ता पर आसीन कांग्रेस पर फंड्स न देने के आरोप लगाए। इस बात को लेकर कांग्रेसी व अकाली दल के पार्षद आपस में उलझते रहे। अकालियों ने फंड्स के अभाव के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बताया। दोनों पक्षों में जमकर बहसबाजी होती रही जिसे मेयर ने शांत करवाया। बाद में कांग्रेस ने हाऊस में पूछे गए सवालों के जवाब न मिलने से नाराज होकर बैठक का बॉयकाट कर दिया। कांग्रेसी पार्षद गुट के नेता जगरूप गिल्ल ने कहा कि निगम उनके किसी सवाल का जवाब देने को तैयार नहीं है जिसके कारण वह बैठक में बने नहीं रह सकते। 

फंड न होने के कारण निगम हुआ लाचार
बैठक शुरू होते ही डिप्टी मेयर गुरिंद्रपाल कौर मांगट ने अधिकांश एजैंडे काट देने का आरोप लगाया। पता चला कि फंडों के अभाव के चलते करीब 9 करोड़ रुपए के काम एजैंडों से हटा लिए गए। बेशक बैठक के दौरान किसी एजैंडे पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन विभिन्न पार्षदों ने करोड़ों रुपए के लगाए गए एजैंडों पर ऐतराज जताए। पार्षदों ने यह भी कह दिया कि अगर निगम के पास फंड्स ही नहीं है तो वह करोड़ों रुपए के एजैंडे पास करने के लिए बैठक कैसे कर सकता है? नगर निगम कमिश्नर ने भी माना कि नगर निगम के पास इतने फंड्स नहीं हैं कि वह हर काम को जारी रख सकें, इसलिए बेहद जरूरी काम ही करवाए जा रहे हैं। मेयर बलवंत राय नाथ ने भी कहा कि निगम वेतन भी मुश्किल से दे रहा है। यह भी जिक्र योग्य है कि निगम द्वारा सीवरेज प्रोजैक्ट पर काम कर रही त्रिवेणी कंपनी को 10 करोड़ रुपए मुख्य काम के तथा करीब 7 करोड़ मैंटीनैंस के अभी नहीं दिए गए, जिसके कारण कंपनी काम करने से हाथ पीछे खींच रही है। 

सीवरेज के मुद्दे पर हुई अधिक चर्चा, सीवरेज बोर्ड व त्रिवेणी पर निकाली भड़ास 
बैठक शुरू होते ही कांग्रेसी पार्षद जगरूप सिंह गिल ने विभिन्न ऐतराज उठाए जिनमें सीवरेज का मुद्दा अहम रहा। गिल ने कहा कि सीवरेज सिस्टम की सफाई न होने के कारण आने वाले दिनों में स्थिति गंभीर बन सकती है लेकिन निगम इसे लेकर गंभीर नहीं है। इस दौरान कुछ अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने भी सीवरेज का मुद्दा उठाया व देखते ही देखते अकाली-भाजपा व कांग्रेसी पार्षदों ने इस मुद्दे पर अधिकारियों को घेर लिया। सभी पार्षदों ने सीवरेज सिस्टम की खस्ताहालत को लेकर सीवरेज बोर्ड व त्रिवेणी को आड़े हाथों लेते हुए जमकर भड़ास निकाली। पार्षदों ने इस मामले में अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की। इसी दौरान कुछ पार्षदों ने सड़कों, पानी व अन्य काम न होने के भी मुद्दे उठाए, साथ ही पार्किंगों में हो रही लोगों की लूट, स्वच्छ भारत अभियान के दौरान बनाए गए शौचायलों में गड़बड़ी तथा ट्री-गार्ड्स खरीद में गड़बड़ी जैसे मुद्दे भी छाए रहे। 
 

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