Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2019 09:50 AM
पिछले 2 महीनों से चुनावों को लेकर देशभर में सरगर्मियां बढ़ती गईं। नेता वोट मांगने के लिए पैदल ही लोगों के द्वार पहुंचने लगे। 19 मई को लोकसभा के लिए चुनाव हुए और चुनावी सरगर्मियों पर एकदम से ब्रेक लग गई जबकि नजीते अभी 23 मई को आने हैं, जिसे लेकर...
बठिंडा (विजय): पिछले 2 महीनों से चुनावों को लेकर देशभर में सरगर्मियां बढ़ती गईं। नेता वोट मांगने के लिए पैदल ही लोगों के द्वार पहुंचने लगे। 19 मई को लोकसभा के लिए चुनाव हुए और चुनावी सरगर्मियों पर एकदम से ब्रेक लग गई जबकि नजीते अभी 23 मई को आने हैं, जिसे लेकर प्रत्याशी अपनी जीत के लिए प्रभु के सम्मुख होकर दुआ मांगने लगे।
यह तो तय है कि जीत तो एक की होगी बेशक 35 प्रत्याशी मैदान में थे लेकिन जीत के लिए जिन 2 चेहरों का नाम सामने आया उनमें अकाली दल के बीबा हरसिमरत कौर बादल व कांग्रेस के अमरिंद्र सिंह राजा वड़िंग़ हैं। मुकाबले में सुखपाल सिंह खैहरा भी कम नहीं रहे। जब उन्हें ढूंढने की कोशिश की तो वह गुरुघर में अरदास व सेवा करते नजर आए। हाथ जोड़कर वोट मांगने वाले नेता अब हाथ ऊपर कर प्रभु से जीत की मांग कर रहे हैं। चुनावों से लेकर नतीजों तक का सफर 4 दिन का है, इसमें उन्हें केवल एक ही काम दिखाई दे रहा है कि किसी भी तरह गुरु के लड़ लगकर जीत के लिए दुआ की जाए।
सुकून भरी जिंदगी व्यतीत करने वाले नेता जिन्होंने पिछले 2 महीने कैसे गुजारे यह उनकी अंतर आत्मा ही जानती है। चलते-चलते उनके पांव में छाले तक पड़ गए लेकिन कोई परवाह नहीं की। वोट मांगने के लिए नेताओं को कई कठिन रास्तों से गुजरना पड़ा। जिन लोगों को वह घर के नजदीक भी देखना नहीं चाहते थे, उनके आगे हाथ जोड़ते नजर आए। चुनाव हो चुके हैं व 5 साल के लिए नेता भी अलोप हो चुके हैं। हरसिमरत कौर बादल ने गुरुघर में जाकर वहां सेवा की और शांत मन से अरदास कर बाणी का पाठ किया। गुरु ग्रंथ साहिब के लड़ लगकर उन्होंने वाहेगुरु से अपनी जीत की दुआ मांगी। मंगलवार को वह आराम से अपने घोड़ों के तबेले में गईं और अफगानिस्तान से लाए गए सबसे छोटे घोड़े के साथ उन्होंने मस्ती कर समय गुजारा।
इसी तरह सुखपाल सिंह खैहरा ने भी चुनावों के बाद गुरुघर में सेवा की। उन्होंने लंगर हाल में जाकर अपने हाथ से गुरु घर से जुड़े लोगों को लंगर वितरित किया। मंदिर गुरुद्वारा जाकर उन्होंने अपनी जीत के लिए अरदास भी की। कांग्रेस प्रत्याशी राजा वड़िंग़ ने भी मुक्तसर साहिब जाकर गुरुघर में सेवा कर जीत के लिए अरदास की, उसके बाद वह मंदिर भी गए व भगवान से जीत के लिए दुआ की।चुनावों के बाद नजीते आने तक राजा वड़िंग़ सामाजिक कार्य करने में जुटे हुए हैं। कई सामाजिक संस्थाओं से मिलकर उन्होंने सेवा भावना जाहिर की। इसी प्रकार अन्य नेताओं ने भी जीत के लिए दुआएं मांगी और लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उन्हें वोट दी।