Edited By Vatika,Updated: 08 Jan, 2019 02:09 PM
लगातार वाहनों में हो रही वृद्धि के चलते शहर में पार्किंग व्यवस्था चरमरा गई है। नगर निगम ने मार्कीटों के फुटपाथों को पार्किंग स्थल बनाने की कोशिश की, जिससे दुकानदार व नगर निगम आमने-सामने हुए। म्यूनिसिपल कमेटी द्वारा लगभग 40 वर्ष पहले आर्य समाज चौक...
बठिंडा (विजय): लगातार वाहनों में हो रही वृद्धि के चलते शहर में पार्किंग व्यवस्था चरमरा गई है। नगर निगम ने मार्कीटों के फुटपाथों को पार्किंग स्थल बनाने की कोशिश की, जिससे दुकानदार व नगर निगम आमने-सामने हुए। म्यूनिसिपल कमेटी द्वारा लगभग 40 वर्ष पहले आर्य समाज चौक स्थित पुरानी सब्जी मंडी को शहीद भगत सिंह मार्कीट में बदलकर उसका निर्माण किया था।
मार्कीट में कुल 22 दुकानें निर्मित की गईं जिन्हें किराए पर बोली द्वारा दिया गया था। मार्कीट के आगे दुकानदारों की सुविधा के लिए खाली जगह छोड़ी गई थी जिसमें वे अपने वाहन खड़े कर सकते हैं। अब नगर निगम ने मार्कीट के आगे छोटी जगह को पार्किंग में बदलकर उसे निजी ठेकेदारों को बोली पर दे दिया। ठेकेदारों द्वारा दुकानों के आगे दोपहिया वाहन पार्किंग बना दी जिस कारण दुकानदारों को असुविधा होने लगी। उन्होंने इस संबंधी जिलाधीश व नगर निगम बठिंडा को भी लिखकर दिया जिसमें कहा गया कि यहां से पार्किंग रद्द की जाए। चूंकि अब ठेकेदारों की मियाद खत्म हो चुकी है तो लोग वहां पर अपने वाहन बेतरतीब खड़े कर देते हैं। आगे-पीछे वाहन लगने से रोजाना लड़ाई-झगड़े होने लगे। यहां तक कि दुकानदारों के साथ भी लोग झगडऩे लगे।
छोटे प्लेटफार्म पर कारों की एंट्री की बंद
शहीद भगत सिंह मार्कीट व स्पोर्ट्स मार्कीट के अध्यक्ष विनोद अरोड़ा, महासचिव नवल किशोर, अशोक कुमार, मनोज कुमार, कुलदीप चंद, हैप्पी व अन्य ने बैठक बुलाकर इसका हल ढूंढने की कोशिश की तो सबने फैसला किया कि इस छोटे से प्लेटफार्म पर केवल दोपहिया वाहन ही आएं, जबकि कारों की एंट्री बंद कर दी जाए जिसके चलते दुकानदारों ने गार्डर लगाकर कारों की एंट्री बंद कर दी।
मार्कीट के आगे पार्किंग बनाई तो दुकानें अनिश्चित समय के लिए होंगी बंद : दुकानदार
नगर निगम अधिकारियों ने इस पर एतराज जताया, जिससे दुकानदारों ने दुकानें बंद कर रोष प्रकट करना शुरू कर दिया। भगत सिंह मार्कीट के सभी दुकानदारों ने कहा कि अगर निगम ने जबरन मार्कीट के आगे पार्किंग स्थल बनाने की कोशिश की तो वे अनिश्चित समय के लिए दुकानें बंद कर धरने पर बैठ जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी निगम अधिकारियों की होगी।