सुविधाओं व स्टाफ की कमी से लाचार सिविल अस्पतात कैसे करेगा मरींजों का उपचार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Mar, 2018 03:47 PM

civil hospital bathinda

पंजाब सरकार व संबंधित सेहत विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जरूरी इलाज, टैस्ट व दवाइयां आदि की सहूलियतें मुहैया करवाए जाने के किए जा रहे दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं क्योंकि करोड़ों रुपए की लागत से बने सिविल अस्पताल रामपुरा फूल में...

रामपुरा फूल(तरसेम): पंजाब सरकार व संबंधित सेहत विभाग द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जरूरी इलाज, टैस्ट व दवाइयां आदि की सहूलियतें मुहैया करवाए जाने के किए जा रहे दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं क्योंकि करोड़ों रुपए की लागत से बने सिविल अस्पताल रामपुरा फूल में आने वाले मरीज डाक्टरों व स्टाफ की कमी कारण जरूरी इलाज व सहूलियतों से वंचित हैं।इन मरीजों को अपना इलाज व टैस्ट प्राइवेट अस्पतालों या फिर लैब से महंगे मूल्य पर करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिस कारण यहां आने वाले मरीज व उनके परिवार सरकार एवं सेहत विभाग की कारगुजारी की सख्त निंदा कर रहे हैं।


अल्ट्रासाऊंड स्कैन मशीन है लेकिन डाक्टर नहीं
इस अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड स्कैन मशीन तो है लेकिन इससे संबंधित डाक्टर न होने कारण यहां आने वाले मरीज खासकर गर्भवती महिलाएं आदि को संबंधित डाक्टरों द्वारा करवाए जाने वाले अल्ट्रासाऊंड स्कैन आदि बाहर से स्कैन सैंटरों से महंगे मूल्य पर करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिस कारण ऐसे मरीजों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है, वहीं परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।

अस्पताल की सुरक्षा रब आसरे
अस्पताल की सुरक्षा आदि रब आसरे चल रही है, क्योंकि 24 घंटे इमरजैंसी सेवाएं मुहैया करवाने वाले इस अस्पताल में अभी तक सी.सी.टी.वी. कैमरे न लगने और कोई भी सुरक्षा कर्मी तैनात न होने कारण नशेड़ी बेखौफ अस्पताल में घूमते रहते हैं जिससे स्टाफ व मरीजों के लिए बेचैनी का माहौल है।


क्वार्टरों की खस्ताहालत व पार्किंग जगह की कमी
सिविल अस्पताल से संबंधित डाक्टरों व स्टाफ के रहने के लिए योग्य प्रबंध न होने कारण उनको बहुत भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि यहां बने क्वार्टर आदि काफी पुराने व खस्ताहालत में होने कारण रहने योग्य नहीं हैं जिस कारण डाक्टरों व स्टाफ को अपनी रिहायश अस्पताल से बाहर रखने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल में मरीजों आदि को लेकर आने जाने वाले वाहनों के लिए पार्किंग न होना भी लोगों के लिए परेशानी का कारण है।


डाक्टरों व स्टाफ की कमी से मरीज परेशान
यहां आने वाले मरीजों को इलाज के लिए जरूरी डाक्टर व स्टाफ न होने कारण बहुत भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि ऐसे मरीजों को अपना जरूरी इलाज व टैस्ट आदि दूर के प्राइवेट अस्पतालों, लैब व स्कैन सैंटरों में महंगे रेटों पर करवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस अस्पताल में इस समय 14 स्पैशलिस्ट डाक्टरों की असामियां हैं जिनमें 5 पोस्टें खाली हैं। इसी तरह नॄसग सिस्टर की एक पोस्ट है, वह भी खाली है। ए.एन.एम. की दो पोस्टों में भी एक पोस्ट खाली पड़ी है। ई.एम.ओ. की 5 असामियों में से 4 असामियां व क्लासफोर की &4 असामियों में से 17 असामियां खाली पड़ी हैं। 

क्या कहते हैं अस्पताल के एस.एम.ओ.
इस संबंधी जब सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डाक्टर अमरीक सिंह संधू से संपर्क कर अस्पताल की समस्याओं संबंधी बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वह खुद अस्पताल में डाक्टरों व स्टाप की पूर्ति के लिए सरकार व सेहत विभाग को पहले भी कई बार लिखती पत्र भेज चुके हैं। उन्होंने कहा कि भले वह अल्ट्रासाऊंड स्कैन की सेवाएं कुछ समय के लिए प्राइवेट डाक्टर से ले रहे हैं लेकिन इस समय अस्पताल में मैडीसन के स्पैशलिस्ट व महिला रोगों के माहिर डाक्टरों की सख्त जरूरत है। 
 

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