Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 04:34 PM
जिला पुलिस प्रशासन की ओर से चाइना डोर के प्रयोग के मामले में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ट्रिब्यूनल ने चाइना डोर पर पाबंदी के चलते इसकी बरामदगी होने की सूरत में आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक...
बठिंडा(परमिंद्र): जिला पुलिस प्रशासन की ओर से चाइना डोर के प्रयोग के मामले में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ट्रिब्यूनल ने चाइना डोर पर पाबंदी के चलते इसकी बरामदगी होने की सूरत में आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने के आदेश दिए थे लेकिन जिला पुलिस प्रशासन केवल धारा 188 के तहत ही केस दर्ज करके मामले रफा-दफा कर रहा है। ट्रिब्यूनल के आदेशों को लागू करवाने के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन द्वारा सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों व अन्य अधिकारियों को भी चाइना डोर का भंडारण, बिक्री व खरीद करने वालों के खिलाफ बाकायदा प्रोविजन ऑफ एनवायरनमैंट प्रोटैक्शन एक्ट-1986, प्रिवैंशन ऑफ क्रूएलिटी ऑफ एनीमल एक्ट-1960, वाइल्ड लाइफ प्रोटैक्शन एक्ट-1972 तथा आई.पी.सी. की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए थे लेकिन जिला पुलिस इन आदेशों को दरकिनार करके मात्र पाबंदी के मामले दर्ज कर रही है।
सख्त कार्रवाई के अभाव कारण हो रही बिक्री
बेशक चाइना डोर के उत्पादन, भंडारण, ट्रांसर्पोटेशन, बिक्री व खरीद करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हुए हैं लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। चाइना डोर पकड़े जाने पर केवल धारा 188 के तहत जिला मैजिस्ट्रेट के आदेशों का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया जाता है, जिसके बाद तुरंत आरोपी की जमानत हो जाती है। यही कारण है कि महंगे मूल्य पर चाइना डोर बेचकर जेबें भरने वाले लोग इन मामलों की अधिक परवाह नहीं करते व जमकर चाइना डोर की बिक्री कर रहे हैं। अब तक केवल बठिंडा शहर में ही एक दर्जन के करीब लोग चाइना डोर के साथ पकड़े जा चुके हैं लेकिन केस दर्ज होने पर भी उन्हें कोई डर नहीं है और वह अब भी चाइना डोर की बिक्री में व्यस्त हैं।
चाइना डोर की आमद रोकने के दिए थे निर्देश
ट्रिब्यूनल की ओर से विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर चाइना डोर के उत्पादन के साथ-साथ राज्यों में इसकी आमद को भी सख्ती से रोकने के निर्देश दिए थे। इसके लिए पुलिस प्रशासन को विशेष नाकाबंदी कर चाइना डोर के खिलाफ अभियान चलाने की हिदायतें दी गई थीं लेकिन ऐसा कोई प्रयास पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा। चाइना डोर बिना रोक-टोक बाहर से बठिंडा व अन्य शहरों में लाई जा रही है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
प्रशासन से आगे निकली समाज सेवी संस्थाएं
बेशक जिला पुलिस प्रशासन की ओर से शिकायतों के आधार पर कुछ लोगों के खिलाफ धारा 188 के तहत मामले दर्ज किए हैं लेकिन उनसे चाइना डोर की बिक्री में कोई फर्क नहीं आया। प्रशासन से अधिक अच्छा काम महानगर की समाज सेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है। विभिन्न समाज सेवी संस्थाएं चाइना डोर के खिलाफ एक प्रभावी मुहिम चला रही हैं। ये मुहिम फेसबुक व व्हाट्सएप से बाहर निकलकर अब गलियों में पहुंच चुकी है। कुछ संस्थाएं बाकायदा स्कूलों में पहुंचकर बच्चों को जागरूक कर रही हैं। कुछ संस्थाओं ने मार्च निकालकर या बैनर आदि लगाकर लोगों को इस डोर के दुष्प्रभावों प्रति जागरूक किया। एक समाजसेवी द्वारा बाकायदा गलियों में इस डोर के खिलाफ मुनादी भी करवाई जा रही है। संस्थाओं की इस मुहिम के अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
जिला प्रशासन के खिलाफ ट्रिब्यूनल में करेंगे मामला दायर : सोनू माहेश्वरी
नौजवान वैल्फेयर सोसायटी के अध्यक्ष सोनू माहेश्वरी ने बताया कि चाइना डोर का इस्तेमाल रोकने व पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हुआ है। इस कारण उन्होंने इस संबंध में नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, पीपल फॉर एनीमल, एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, पीपल फॉर एथीकल ट्रीटमैंट ऑफ एनीमल्ज को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की है। जल्द ही इस संबंध में आंकड़े एकत्र करके नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी शिकायत दायर की जाएगी।
करेंगे सख्त कार्रवाई : एस.डी.एम.
संस्था द्वारा शिकायत पर एस.डी.एम. साक्षी साहनी ने आश्वासन दिया है कि चाइना डोर के मामले में अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब जो व्यक्ति चाइना डोर बेचता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ उक्त सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस घातक डोर को बेचने व खरीदने से गुरेज करें। अगर कोई आपके आसपास चाइना डोर बेच रहा है तो उसकी जानकारी दें।