Edited By Kalash,Updated: 28 Dec, 2023 05:42 PM
मौसम में आए बदलाव के कारण जहां दिन-प्रतिदिन ठंड का प्रकोप जारी रहने से लोगों की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): मौसम में आए बदलाव के कारण जहां दिन-प्रतिदिन ठंड का प्रकोप जारी रहने से लोगों की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। उधर, इन दिनों चलने वाली शीत लहरों से बचना भी जरूरी है, क्योंकि सुबह व रात को चलने वाली ठंडी व शीत लहरों का सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। 5 वर्ष से कम उम्र व 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए तो इस मौसम में आफत बढ़ जाती है।
ठंड में वायरल दमा व हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के मरीजों की तादाद में काफी इजाफा होता है। हालांकि लोग सावधानी बरतें तो इनसे बचा जा सकता है। बता दें कि मौसम में बदलाव के साथ-साथ ठंड दस्तक दे रही है। ठंड की दस्तक दमा व हार्ट अटैक रोगियों के लिए अधिक नुकसानदायक है। ठंड के कारण दमा के मरीजों के सांस की नली में सूजन आ जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। जबकि हृदय रोग से जुड़े मरीजों को ठंड में परेशानी बढ़ती है। ऐसे में मरीज नियमित दवाई लें व सावधानी बरतें तो स्वस्थ व सुरक्षित रह सकते हैं। वहीं ठंड के कारण वायरल भी बढ़ने की संभावनाएं दिखती है।
ठंड से बचना जरूरी, वरना आ सकते हैं गंभीर बीमारी की चपेट में
बढ़ रही ठंड व चलने वाली शीत लहरों को देखते हुए डॉक्टरों का कहना है कि ठंड में सेहत का खास ध्यान रखें, क्योंकि ठंड के कारण खांसी, सर्दी जुकाम, गले में संक्रमण, फ्लू के अलावा अस्थमा, हार्ट अटैक व लकवा का भी खतरा रहता है। यह देखा गया है कि सर्दियों में हार्ट अटैक व लकवा के मामले अधिक होते हैं, इसलिए डॉक्टर इन दिनों सुबह-शाम सैर नहीं करने व घरों में ही रहने की सलाह दे रहे हैं। खास तौर पर बच्चे, बुजुर्ग मधुमेह, ब्लड प्रैशर व हृदय की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। डॉक्टरों के अनुसार, तापमान कम हो जाने पर धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। इस वजह से रक्त संचार प्रभावित होता है। इस वजह से हार्ट अटैक व लकवा का खतरा रहता है।
सेहत खराब होने पर सैल्फ मैडीकेशन से बचे: एस एम ओ डा ज्योति कौशल
एस.एम.ओ. डा. ज्योति कौशल ने बताया कि इन दिनों पड़ रही ठंड व चलने वाली शीत लहरों से बचना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सेहत खराब होने पर हमें सैल्फ मैडीकेशन से बचना चाहिए और नजदीकी अस्पताल में डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि ठंड में स्वाइन फ्लू होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ठंड और नमी के मौसम में स्वाइन फ्लू का वायरस एच.वन. एन. वन वायरस सक्रिय हो जाता है और हवा द्वारा एक मानव से दूसरे मानव में सांस के द्वारा तेजी से फैलते हैं। उन्होंने लोगों को कहा कि सावधानी में ही बचाव है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार होना, ठंड लगना, गला खराब होना, शरीर में तेज दर्द और कमजोरी, दस्त लगना, सांस चढ़ना आदि इसके लक्षण हैं।
यह करें
खांसी या छींकते समय मुंह और नाक के आगे रुमाल रखना चाहिए।
हाथों को साबून के साथ बार-बार धोना चाहिए।
भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से गुरेज करना चाहिए।
बहुत अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए और खांसी, जुखाम व बुखार के साथ पीड़ित व्यक्ति से दूरी बना कर रखी जानी चाहिए।
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