पंजाब एसोसिएटिड स्कूलों ने सी.बी.एस.ई. से आने वाले विद्यार्थियों के दाखिले पर लगाई पाबंदी

Edited By swetha,Updated: 19 Feb, 2020 12:17 PM

punjab associated schools

बोर्ड की नीति से कमजोर

अमृतसर(दलजीत): पंजाब के एसोसिएटिड स्कूलों ने सी.बी.एस.ई. स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएटिड स्कूलों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में सी.बी.एस.ई. स्कूलों से आने वाले किसी भी विद्यार्थियों को पंजाब के एसोसिएटिड स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जाएगा। एसोसिएटिड स्कूलों ने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत चलने वाले स्कूल विद्यार्थियों को राज्य में बढिया शिक्षा दे रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ सी.बी.एस.ई. स्कूल 7वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को ठोस पढ़ाई न कराकर पंजाब बोर्ड के स्कूलों को बदनाम कर रहे हैं। एसोसिएटिड स्कूलों ने साथ ही पंजाब बोर्ड द्वारा घोषित नए पास फार्मूले का भी समर्थन किया।

वहीं अभिभावकों को भ्रमित करके पंजाब बोर्ड को परेशान किया जा रहा है। एसोसिएटिड स्कूल आर्गेनाइजेशन के चेयरमैन राणा जगदीश चन्द्र तथा महासचिव मनोज सरीन ने कहा कि सी.बी.एस.ई. वाले गणित विषय में 80 नंबर में से 14 व सामाजिक विज्ञान विषय में 80 में से 16 अंक वालों को पास कर रहे हैं तथा कई स्कूल तो सी.सी.ई. में जीरो और प्रैक्टिकल में गैर हाजिर रहने वाले विद्यार्थियों को पास कर रहे हैं। ऐसा करके स्कूल विद्याॢथयों की गिनती बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि सी.बी.एस.ई. स्कूल वाले 8वीं कक्षा तक बच्चों को आगे भेज रहे हैं और जब 9वीं में आकर बच्चों को कुछ नहीं आता तो उन्हें स्कूलों से निकाल कर पंजाब बोर्ड के स्कूलों में दाखिला लेने के लिए कह देते हैं। सी.बी.एस.ई. स्कूल यह समझ रहे हैं कि पंजाब बोर्ड के साथ जुड़े स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है, सारी पढ़ाई उन्हीं के स्कूलों में हो रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जितने भी उच्च पद पर अधिकारी तैनात हैं उनकी पढ़ाई अधिक्तर पंजाब बोर्ड के स्कूलों की है। 

उन्होंने कहा कि पंजाब बोर्ड द्वारा नए फार्मूले में पास प्रतिशतता 33 प्रतिशत ही रखी है जबकि प्रैक्टिकल, लिखित व सी.सी.ई. को मिलाकर 20 प्रतिशत दर के नंबर हासिल करना विद्यार्थियों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की इस नीति से उन गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलेगी जो स्कूल के बाद घर की आर्थिक मदद के लिए इधर-उधर काम करने जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि वह विद्यार्थी लिखित परीक्षा में 20 प्रतिशत अंक व प्रैक्टिकल तथा सी.सी.ई. के अंक मिलाकर 33 प्रतिशत ले लेते है तो वह पास हो जाएंगे। 

बोर्ड की नीति से कमजोर 
वर्ग के विद्यार्थी 12वीं कक्षा तक पढ़ाई हासिल करके पंजाब में बेरोजगारी खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया कि भविष्य में सी.बी.एस.ई. से आने वाले किसी भी विद्यार्थी को एसोसिएशन स्कूलों में दाखिला नहीं दिया जाएगा। 

राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र में 150 में से 28 अंक वाले होते हैं पास 
एसोसिएशन वाइस प्रैजीडैंट जतिन्द्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र में तो 150 में से 28 अंक वालों को पास कर दिया जाता है। कहीं-कहीं तो 8 प्रतिशत ग्रेस अंक भी देकर पास किया जाता है। पंजाब बोर्ड का अधिकतर सिलैबस सब्जेक्टिव है जबकि सी.बी.एस.ई. का अधिक्तर सिलैबस आब्जैक्टिव होता है। ऐसे में पंजाब बोर्ड फार्मूले पर आपत्ति जता कर पंजाब के अभिभावकों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वह पंजाब बोर्ड से अपने बच्चों को दूर कर सके। पंजाब बोर्ड में सी.बी.एस.ई. के मुकाबले बेहतर पढ़ाई होने के कारण राज्य के 80 प्रतिशत बच्चे इन्हीं स्कूलों में पढ़ते हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!