Edited By Vatika,Updated: 04 Nov, 2019 02:08 PM
पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण शहर अमृतसर आजकल ए.क्यू.आई. के बुरे प्रभाव की चपेट में है। पराली जलाने से पैदा हो रहे धुएं से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है जो शहर के लोगों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है।
अमृतसर(संजीव) : पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण शहर अमृतसर आजकल ए.क्यू.आई. के बुरे प्रभाव की चपेट में है। पराली जलाने से पैदा हो रहे धुएं से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है जो शहर के लोगों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। सख्ती के बावजूद राज्य में पराली जलाने के मामलों में कमी नहीं आ रही।
वहीं जिला व पुलिस प्रशासन इस पर पूरी तरह काबू पाने में नाकाम है। प्राइवेट एजैंसियों के आंकड़ों के अनुसार 31 अक्तूबर तक पराली जलाने के 19869 मामले रिकार्ड किए गए, जिनमें भारी जुमार्ने हुए हैं। इसके बावजूद पराली जलाई जा रही है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारी ने ऐसे मामलों में बढ़ौत्तरी के पीछे फसल जल्दी पकने को कारण बताया, क्योंकि बिजाई 20 जून की बजाए इस बार 13 जून को हो गई थी। दूसरी ओर फसल की कटाई करने वाली कम्बाइन मशीनों पर सुपर स्ट्रा मैनेजमैंट प्रणाली का प्रयोग भी नहीं किया जा रहा है। इससे पराली छोटे-छोटे टुकड़ों में कट कर खेतों में ही बिखर जाती है, जिसे किसान जला नहीं पाता।
अच्छा 0 से 50 कम से कम प्रभाव
संतुष्टिजनक 51 से 100 संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मुश्किल।
सामान्य 101 से 200 दिल, फेफड़ों व सांस के रोगियों के लिए खतरा।
गंदा 201 से 300 अधिक्तर लोगों को सांस लेने में मुश्किल।
बहुत गंदा 301 से 400 सांस की बीमारी वालों के लिए खतरे की घंटी।
कठोर 401 से 500 स्वस्थ लोगों की सेहत पर डालता है बुरा प्रभाव।=