Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 11:47 AM
एक तरफ जहां केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देशवासियों को शुद्ध पानी मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों से जरा भी मेल खाती नजर नहीं आ रही है.....
मोगा (पवन ग्रोवर): एक तरफ जहां केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा देशवासियों को शुद्ध पानी मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों से जरा भी मेल खाती नजर नहीं आ रही है, क्योंकि देश के कई गांवों के लोग अभी भी शुद्ध पानी की सप्लाई से वंचित हैं।
हैरानी की बात तो यह है कि मोगा जिले के गांव ततारिए वाला के लोगों ने समूह ग्राम पंचायत के नेतृत्व में जल सप्लाई एवं सैनीटेशन विभाग की दलीलों से सहमत होकर लाखों रुपए विभाग के पास इस भरोसे के उपरांत 2015 में जमा करवाए थे कि विभाग वल्र्ड बैंक की स्कीम से गांव में नए जलघर की स्थापना करेगा, लेकिन विभाग ने जलघर की स्थापना के लिए काम शुरू नहीं करवाया। इसके बाद गांववासियों ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
इस पर हाईकोर्ट ने विभाग को लोगों की समस्या हल करने के निर्देश दिए थे, लेकिन फिर भी विभाग ने कार्य शुरू नहीं किया। जिसके कारण गांववासी अपने आपको अब ठगा महसूस करने लगे हैं। दूसरी तरफ गांववासियों ने घोषणा की कि अगर जल्द ही जलघर का काम शुरू न हुआ तो वे मजबूरीवश संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने के लिए मजबूर होंगे।
इस संबंध में गांव की सरपंच सिमरनजीत कौर, रेशम सिंह, कुलबीर कौर, परमजीत कौर, दर्शन सिंह (सारे पंच) तथा हरगोबिंद सिंह ने बताया कि गांववासियों के पास 2 वर्ष पहले जब विभाग के अधिकारी पहुंचे थे तो उन्होंने कहा कि हर जनरल घर से 800 रुपए तथा एस.सी./बी.सी. से 400 रुपए के हिसाब से पैसे एकत्र कर विभाग को दें तथा बाकी पैसे वल्र्ड बैंक की स्कीम के तहत लगा कर गांव में पुराने वाटर वक्र्स की जगह पर नए जलघर की स्थापना की जाएगी।
इसी के तहत गांववासियों ने समूचे गांव के 184 घरों से 1 लाख 22 हजार रुपए एकत्र कर 30 सितम्बर, 2015 को विभाग के पास जमा करवा दिए। उन्होंने कहा कि उस समय विभाग ने गांववासियों को विश्वास दिलाया था कि जल्द ही गांव में काम शुरू होगा, लेकिन अब विभाग ने काम शुरू करवाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारी अब काम शुरू करने की बजाय एकाएक जवाब दे रहे हैं कि अपने पैसे वापस लें, लेकिन विभाग इसमें 50 हजार रुपए की कटौती करेगा गांववासियों ने कहा कि उन्होंने शुद्ध पानी के लिए अपनी खून-पसीने की कमाई विभाग के पास नए जलघर के लिए जमा करवाई है तथा वे पैसे वापस नहीं लेंगे।
क्या कहना है गांववासियों का
गांव निवासी हरगोबिंद सिंह का कहना है कि रोजाना गांववासी विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा कर अब थक गए हैं। उन्होंने कहा कि माननीय कोर्ट के आदेशों की विभाग को चिंता नहीं है। उन्होंने मांग की कि गांववासियों की समस्या का जल्द हल करवाया जाए।
वहीं गांव निवासी नायब सिंह का कहना है कि गांव के बहुत से लोग शुद्ध पानी न मिलने के कारण भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि गत 2 वर्षों दौरान गांव में 5 लोगों की मौत कैंसर जैसी भयानक बीमारी से हो चुकी है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि मामले में निजी दखल देकर लोगों की इस बड़ी समस्या का हल करवाया जाए। इस मामले संबंधी जल एवं सैनीटेशन विभाग के एस.डी.ओ. चरणदीप सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि गांववासियों द्वारा एकत्र पैसे ग्राम पंचायत द्वारा बनाई कमेटी के खाते में ही पड़े हैं। उन्होंने कहा कि पैसे वापस नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि गांववासियों का केस विभाग को मंजूरी के लिए भेजा गया है। जब मंजूरी मिलेगी, तुरंत ही काम शुरू करवा दिया जाएगा।