Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 12:10 PM
प्रधान जी, यह क्या यदि नगर कौंसिल जागी थी तो पूरी तो जागती जिससे कम से कम यह पता तो चलता कि बाबे के विवाह पर्व को मुख्य रखते हुए बटाला साफ करवाया गया है। आपने लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए गड्ढे भरे हैं उससे तो यह प्रतीत होता है कि जैसे कोई...
बटाला(सैंडी, साहिल): प्रधान जी, यह क्या यदि नगर कौंसिल जागी थी तो पूरी तो जागती जिससे कम से कम यह पता तो चलता कि बाबे के विवाह पर्व को मुख्य रखते हुए बटाला साफ करवाया गया है। आपने लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए गड्ढे भरे हैं उससे तो यह प्रतीत होता है कि जैसे कोई काम मजबूरी में किया गया हो।
प्रधान जी गड्ढे तो भर दिए लेकिन...
प्रधान जी, आप मीडिया के उस वर्ग से खफा तो जरूर होंगे जो बिना लालच या दबाव के लोगों से जुड़ी मुश्किलों को बेधड़क उठा रहा है लेकिन यह कड़वा सच है कि जिस प्रकार आपने शहर के गड्ढों को मिट्टी से भरा है, ऐसा तो पिछले समय में कई बार किया जा चुका है ।
यह काम इतना कच्चा होता है कि चंद दिनों में ही गड्ढे कच्ची मिट्टी के कारण दोबारा खाली हो जाते हैं और लोगों को फिर उसी मुसीबत का सामना निरंतर करना पड़ता है। लोगों की मांग है कि यदि आप पूरी सड़कें बनवाने की पावर नहीं रखते और केवल गड्ढों को भरकर ही गुजारा करना है तो फिर इन गड्ढों को अच्छा मैटीरियल डलवाकर तारकोल के पक्के पैच लगावाएं।
शिरोमणि अकाली दल के सिटी अध्यक्ष और पार्षद बलबीर सिंह बिट्टू ने अपने साथी पार्षदों की मौजूदगी में कहा कि प्रधान जी कूड़ा उठाने के लिए आप पहले ही 50 हजार की बजाय 1 लाख रुपए खर्च कर लोगों का पैसा नष्ट कर रहे हो और अब रहती कसर मिट्टी से गड्ढे भरवाकर पूरी न करो। उन्होंने कहा कि प्रधान जी लोगों का पैसा पानी की तरह न बहाओ और मिट्टी के कच्चे पैचों के स्थान पर पक्के और मजबूत पैच लगवाएं। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एक तो काम भी गुजारे लायक हो जाएगा और दूसरा मिट्टी के गड्ढों की आड़ में कथित तौर पर खाया जाने वाला पैसा भी बच जाएगा।