Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 05:04 PM
पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि अकालियों ने तो अपने 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य के सांसदों से एक बार भी बैठक नहीं की। जाखड़ शिअद द्वारा कल सांसदों की बुलाई गई बैठक का बायकाट करने पर टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि...
जालन्धर(धवन): पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि अकालियों ने तो अपने 10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य के सांसदों से एक बार भी बैठक नहीं की। जाखड़ शिअद द्वारा कल सांसदों की बुलाई गई बैठक का बायकाट करने पर टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिअद ने बैठक का बायकाट करके अपनी पंजाब प्रति नकारात्मक सोच का परिचय दे दिया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के बैठक में आने या न आने संबंधी कोई मसला नहीं था क्योंकि उन्होंने तो अपनी सरकार के मुख्य सचिव तथा सभी विभागों के प्रधान सचिवों को बैठक में भाग लेने के लिए भेज दिया था। इनसे सांसदों को पंजाब के मसलों के बारे में सही स्थिति की जानकारी मिल सकती थी। जाखड़ ने कहा कि अकाली दल की सरकार राज्य में 10 वर्षों तक रही परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने कभी भी सांसदों को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए पहल नहीं की। कांग्रेसी सांसदों से तो वह नफरत करते रहे। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने तो सियासी हितों से ऊपर उठते हुए बैठक में अकाली दल सहित सभी पाॢटयों के सांसदों को आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि अगर कोई पंजाब के हितों की बात करता है तो विरोधी पार्टियां उसका विरोध करती हैं। ऐसा ही कांग्रेस सरकार की पहल के दौरान हुआ। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति बनाना तथा उस पर संसद में मिलकर आवाज उठाने से पंजाब का ही भला होना था परन्तु एक सांझे प्लेटफार्म को अकालियों ने गंवा दिया है।
उन्होंने कहा कि अकालियों की इसी नकारात्मक सोच के कारण उन्हें राज्य विधानसभा के आम चुनावों में जनता ने तीसरे स्थान पर धकेल दिया। ऐसा लगता है कि जनता द्वारा दिए गए फतवे के बावजूद अकाली दल ने कोई सबक नहीं सीखा है। जाखड़ ने कहा कि पंजाब के कई मसले गंभीर हैं, जिनका निपटारा केन्द्र सरकार के हाथों में है। बार्डर क्षेत्र में बसे लोगों की मुश्किलें अलग हैं। बार्डर क्षेत्रों में इंडस्ट्री को पैकेज दिलवाने का मामला केन्द्र के अधिकार क्षेत्र में आता है परन्तु अकाली सांसदों ने बैठक में भाग न लेकर यह सुनहरा अवसर गंवा दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह से कहेंगे कि पंजाब के हितों को देखते हुए भविष्य में भी वह ऐसी बैठकों के लिए पहल करते रहें। उन्होंने कहा कि पंजाब हितैषी सांसदों ने बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ कांग्रेसी सांसद बैठक में नहीं आए परन्तु उन्होंने अपनी अ्रनुपस्थिति के बारे में सूचित कर दिया था।