Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 08:31 AM
जालंधर में खुदकुशी करने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। सिविल अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक महानगर में फंदा लगाकर जनवरी माह में 8 लोगों ने आत्महत्या की। फरवरी में 12 और मार्च में अब तक 3 लोगों ने फंदा लगाया है।
जालंधर (शौरी): जालंधर में खुदकुशी करने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। सिविल अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक महानगर में फंदा लगाकर जनवरी माह में 8 लोगों ने आत्महत्या की। फरवरी में 12 और मार्च में अब तक 3 लोगों ने फंदा लगाया है। मरने वाले 23 लोगों में महिलाएं, युवा, पुरुष आदि शामिल हैं। कुछ केसों में तो मरने वालों ने खुद की मौत के लिए किसी को जिम्मेदार भी नहीं ठहराया। पुलिस ने इस बाबत उनके विरोधी पक्ष के खिलाफ केस भी दर्ज किए हैं। आखिर मानसिक परेशानी से तंग आकर लोग आत्महत्या का रास्ता क्यों चुन रहे हैं?
आत्महत्या के कारण
युवा पीढ़ी प्यार में धोखा खाने, नौकरी न मिलने, नशे की लत, परीक्षा में फेल होने का डर, ड्रीम पूरा न होने पर, बिजनैस में नुक्सान होना तथा मानसिक रूप से परेशान होने के कारण मौत को गले लगा रही है। आज की पीढ़ी को पता नहीं क्या हुआ है? छोटी-छोटी बातों पर मरने या सुसाइड करने के बारे में सोचने लगते हैं। जरा-सी परेशानी होने पर युवा गूगल पर सर्च कर सोचने लगते हैं कि कैसे बिना तकलीफ मैं मर जाऊं या फिर कोई ऐसा तरीका मिले, जिससे बिना तकलीफ जीवन को खत्म कर सकूं।
आत्महत्या करने वालों को नहीं मिलती मुक्ति
ङ्क्षहदू धर्म के मुताबिक आत्महत्या करने वालों की आत्मा को शरीर से तो मुक्ति मिल जाती है परंतु उन्हें मोक्ष प्राप्ति नहीं होती। ऐसे लोगों की आत्मा भटकती है और पितृ दोष के कारण परिवार के लोगों को कष्ट भुगतने पड़ते हैं। यदि मनुष्य परेशान है तो वह ईश्वर की आराधना करे न कि आत्महत्या का रास्ता अपनाए।
पं. रोहित,ज्योतिषी
सोशल मीडिया पर दिख रही लाइव आत्महत्याएं
इन दिनों फेसबुक, बिंगो, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर आत्महत्या करने वाले फंदा लगाने से लेकर मौत का ग्रास बनने तक लाइव वीडियो अपडेट कर रहे हैं। युवा पीढ़ी यह अधिक मात्रा में देख रही है, जिससे उनके दिमाग पर भी गलत असर पड़ रहा है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।