Edited By Updated: 19 Feb, 2017 11:17 AM
दरेसी स्थित भगवान राम चैरीटेबल अस्पताल पर इलाज के दौरान शिशु के हाथ की नस के अंदर सूई छोड़े जाने का आरोप लगा है। परिजनों ने शनिवार को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया।
लुधियाना (सहगल): दरेसी स्थित भगवान राम चैरीटेबल अस्पताल पर इलाज के दौरान शिशु के हाथ की नस के अंदर सूई छोड़े जाने का आरोप लगा है। परिजनों ने शनिवार को अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। सलेम टाबरी निवासी वरिंद्र भंडारी ने बताया कि उनकी पत्नी ममता की दरेसी स्थित भगवान राम चैरीटेबल अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। डिलीवरी के 3 दिन बाद नवजात शिशु को पीलिया की शिकायत हो गई, जिसमें बच्चे के इलाज के लिए डाक्टर ने उसके हाथ पर ड्रिप लगा दी। 28 जनवरी को बच्चे को छुट्टी दी गई। घर पहुंचने के 2 दिन बाद बच्चे के शरीर के एक साइड में सूजन हो गई। बच्चे को 31 जनवरी को अस्पताल लेकर आए और सूजन के बारे में बताया। स्टाफ ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं सुना। फिर वह 1 फरवरी को अपने बच्चे को सलेम टाबरी स्थित कंचन अस्पताल में लेकर गए। वहां डाक्टर ने भर्ती कर लिया।
वहां बच्चे के हाथ की नस से प्लास्टिक की सूई निकली। तब तक बच्चे के शरीर में इंफैक्शन फैल गई थी। बच्चा 13 फरवरी तक कंचन अस्पताल में भर्ती रहा। 14 फरवरी को बच्चे की हालत अचानक बिगड़ गई, जिस पर उसे दीप अस्पताल रैफर कर दिया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि चैरीटेबल अस्पताल द्वारा इलाज में बरती गई लापरवाही की वजह से उनके बच्चे की स्थिति बिगड़ी है, वहीं दूसरी तरफ चैरीटेबल अस्पताल के प्रैजीडैंट केवल कृष्ण मरवाहा ने कहा कि शिशु के हाथ की नस में सूई छोड़े जाने का आरोप सही नहीं। डिस्चार्ज के वक्त बच्चे के हाथ पर सूई नहीं थी लेकिन वह परिजनों के आरोपों की जांच जरूर करवाएंगे। इसके लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है, जिसमें मैडीकल सुपरिंटैंडैंट, डायरैक्टर व वह खुद शामिल होंगे।