Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 10:01 AM
इस बार बेशक पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य में दीवाली की रात पटाखे कम चले परंतु किसानों ने इसकी कसर पटाखों की आड़ में पराली जलाकर पूरी कर दी।
पटियालाः इस बार बेशक पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य में दीवाली की रात पटाखे कम चले परंतु किसानों ने इसकी कसर पटाखों की आड़ में पराली जलाकर पूरी कर दी। सैटेलाइट से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दीवाली की रात राज्य के सभी जिलों में करीब 1188 खेतों में पराली को आग लगाई गई। इसी तरह से दीवाली के बाद शुक्रवार को इससे भी भयावह तस्वीर देखने को मिली।
शुक्रवार को सैटेलाइट में खेतों में आग लगाने के करीब 1608 मामले रिकार्ड हुए। हालांकि दीवाली से पहले यह एवरेज 400 के करीब थी, लेकिन दीवाली की रात ही यह आंकड़ा करीब तीन गुणा बढ़ गया जबकि अगली रात को यह चार गुणा पर जा पहुंचा। निश्चित रूप से किसानों ने दिवाली पर पटाखे चलने की आड़ में पराली जलाने का मौका नहीं छोड़ा।
प्रदूषण फैला सकता है बीमारी
तय पैरामीटर के मुताबिक अगर एक्यूआइ 301 से 400 के बीच वैरी पूअर कैटागरी है। ऐसे वातावरण में लंबे समय तक रहने पर सांस, फेफड़ों व आंख का रोग हो सकता है। पैरामीटर्स के मुताबिक 0 से 50 का इंडेक्स जहां अच्छा माना जाता है, वहीं 51 से 100 तक इसे संतोषजनक कहा जाता है।
अमृतसर व लुधियाना में हालात ज्यादा खराब
पी.पी.सी.बी. ने एयर क्वालिटी की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए अमृतसर, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में लैब स्थापित की हुई है। अमृतसर में दीवाली पर एयर क्वालिटी इंडेक्स जहां 339 रिकॉर्ड किया गया, वहीं लुधियाना में यह 384 रहा।