Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 11:01 AM
पंजाब भर के प्रापर्टी कारोबारी 23 फरवरी को कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार विरुद्ध राज्यस्तरीय धरना देंगे।
जालंधर (खुराना): पंजाब भर के प्रापर्टी कारोबारी 23 फरवरी को कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार विरुद्ध राज्यस्तरीय धरना देंगे। यह फैसला आज जालंधर में हुई एक विशाल बैठक दौरान लिया गया जिसकी अध्यक्षता पंजाब कालोनाइजर एसो. के प्रधान कुलतार सिंह जोगी तथा जालंधर के प्रधान भूपिंद्र सिंह ङ्क्षभदा ने की। इस बैठक में कालोनाइजरों व प्रापर्टी डीलरों के अलावा प्लाट होल्डर, डीड राइटर व प्रापर्टी कारोबार से जुड़े अन्य लोग शामिल हुए। सैंकड़ों की उपस्थिति ने हाथ खड़े करके अमरेन्द्र सरकार की प्रस्तावित एन.ओ.सी. पालिसी का विरोध किया और सभी से आह्वान किया कि मार्च महीने में कोई भी रजिस्ट्री न करवाए ताकि पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार को सबक मिल सके।
विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद प्रापर्टी कारोबार में उछाल आने की आशा बंधी थी परंतु इस सरकार ने पहले से चल रहे कारोबार को भी बंद कर दिया। अकाली-भाजपा सरकार से तो लोग 10 साल बाद तंग आए परंतु कांग्रेस सरकार ने एक साल में ही तंग कर दिया। वक्ताओं ने कहा कि विधानसभा चुनावों के समय कैप्टन अमरेन्द्र तथा अन्य नेताओं ने प्रापर्टी कारोबार से जुड़ी मांगों को घोषणा पत्र में शामिल कर सत्ता में आते ही इन्हें लागू करने का आश्वासन दिया था। 2010 और 2013 में बनी पालिसियों में कमी के कारण लोग इसका लाभ नहीं उठा पाए परंतु अब प्रस्तावित पालिसी पुरानी पालिसियों से भी बदतर है।
ये हैं मुख्य मांगें
1 पुरानी कालोनियों को ज्यों के त्यों आधार पर रैगुलर किया जाए।
2 25 प्रतिशत रैगुलराइजेशन चार्ज लेने के बाद सभी पुराने केस व मामले वापस लिए जाएं।
3 प्लाट होल्डरों व कालोनाइजरों को अलग-अलग ट्रीट किया जाए।
4 सब कमेटी में प्रापर्टी एसो. के भी 5 प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
5 प्रस्तावित पालिसी सरल हो और फीसें कम की जाएं।
जी भरकर कोसा अफसरशाही को
बैठक दौरान विभिन्न वक्ताओं ने राज्य की अफसरशाही को जी भर कर कोसा और कहा कि कुछ अफसर सरकार को फेल करना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि सरल कानून बनें। पंजाब की डिवैल्पमैंट अथारिटीज भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गई हैं और सरकार लोगों को घर उपलब्ध नहीं करवा पा रही।
इस अवसर पर गुरविंद्र सिंह लाम्बा, आर.एस. गिल, एस.पी. अरोड़ा, तरविंद्र सिंह राजू, चरणजीत सिंह चन्नी, मेजर सिंह माडल हाऊस, जोङ्क्षगद्र सिंह गुम्बर, गुरसेवक सिंह हनी, अमरजोत सिंह, बख्शी सिंह बेदी, सुदेश विज, अनिल गुप्ता, निशांत गुप्ता, अमरजीत खाम्बड़ा, तेजिंद्र सिंह तेजी, अमरीक बागड़ी, तरविंद्र सिंह सोनू, मनजीत सिंह, सुरिंद्र सिंह नागी, जगरूप सिंह ढेसी आदि उपस्थित थे।