बॉयोमास प्लांट  भेजे पराली,मिलेगा स्मॉग से छुटकारा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 12:33 PM

stop stubble burning

पराली जलने से बढ़ते स्मॉग की वजह से हो रही दिक्कतों के बीच  सूबे में किसानों का एक वर्ग  पराली जलाने की बजाय बायोमास बेस्ड पावर प्लांट को दे रहा है।

मुक्तसर/पटियालाः पराली जलने से बढ़ते स्मॉग की वजह से हो रही दिक्कतों के बीच  सूबे में किसानों का एक वर्ग  पराली जलाने की बजाय बायोमास बेस्ड पावर प्लांट को दे रहा है। पंजाब में ऐसे 7 प्लांट के कारण इस साल 2.5 लाख हैक्टेयर की पराली जलने से बच गई। यह सिलसिला 10 साल पहले मुक्तसर प्लांट से शुरू हुआ था और साल दर साल बढ़ रहा है। होशियारपुर में ही 220 गांवों के किसान पराली प्लांट को दे रहे हैं।

 

5 साल में इन प्लांटों में पराली की आमद अढाई गुना तक बढ़ी है। हालांकि, ऐसा करने वाले किसानों की तादाद अभी बहुत कम है। इस साल सूबे में धान का कुल रकबा 29.72 लाख हैक्टेयर रहा। इससे कुल 200 लाख टन पराली हुई। जानकारों का कहना है कि अगर सरकार पंजाब को पराली जलाने से मुक्त करना चाहती है तो मालवा में हर 40 और माझा में हर 50 किलोमीटर पर एक प्लांट लगाना चाहिए। यानी पंजाब भर में 40 प्लांटों की जरूरत होगी। 

 

किसान पराली सीधे प्लांट पर भी दे सकते हैं और बिचौलियों के जरिए भी। प्लांट मालिक सिर्फ गांठें ही खरीदते हैं, खुली पराली नहीं। ये गांठ 130 से 140 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक जाती है।  किसान अगर पराली जलाने की जगह उसे बिचौलियों के जरिए पॉवर प्लांट को देता है तो उसे सीधे तो फायदा नहीं होता, लेकिन अपरोक्ष रूप से प्रति एकड़ 2000 से 3000 रुपए बच जाते हैं।  

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