Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 01:03 PM
देश की बड़ी स्टील निर्माता कम्पनियों ने अपने स्टील उत्पादों के दाम में 1000 से लेकर 3000 रुपए प्रति टन की भारी वृद्धि कर स्टील
लुधियाना(बहल): देश की बड़ी स्टील निर्माता कम्पनियों ने अपने स्टील उत्पादों के दाम में 1000 से लेकर 3000 रुपए प्रति टन की भारी वृद्धि कर स्टील उपभोक्ता इंडस्ट्री को एक बार फिर करारा झटका दे दिया है।
स्टील की वैश्विक तेजी की आड़ में बड़े स्टील उत्पादकों के कार्टल ने स्टील प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए हैं। पिछले करीब 2 महीनों में जी.एस.टी. लागू होने के बाद से स्टील की कीमतों में 2500 से लेकर 4000 रुपए प्रति मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज हो चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब की स्टील उपभोक्ता इंडस्ट्री बंद होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जी.एस.टी. लगने के बाद ऊंची टैक्स दर होने के कारण स्टील की सकल कीमतों में वृद्धि हुई है। बावजूद इसके सरकारी एवं गैर-सरकारी बड़ी स्टील कम्पनियों का स्टील एक्सपोर्ट बढऩे से पूरे भारत में स्टील के रेटों में उछाल आ गया है। लॉन्ग स्टील प्रोडक्ट्स 2500 रुपए और फ्लैट उत्पाद 4000 रुपए प्रति टन तक पहले ही इस वजह से महंगे हो चुके हैं।
आज स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने फ्लैट, एच.आर. क्वायल के दामों में 2800 रुपए प्रति टन की बढ़ौतरी की है, जबकि टी.एम.टी. सहित अन्य लॉन्ग प्रोडक्ट्स के दाम 2000 रुपए प्रति टन तक बढ़े हैं। विशाखापत्तनम स्टील प्लांट ने अपने वायर रॉड के दामों में 750 रुपए प्रति टन की वृद्धि की है। स्टील की कीमतों में हुई इस वृद्धि का सीधा असर फास्टनर, बाईसाइकिल, आटो पार्ट्स, हैंडटूल, मशीन टूल, हार्डवेयर निर्माता इंडस्ट्री पर पड़ा है। पिछले कुछ समय से चीन में स्टील के दामों में भारी वृद्धि होने से भारत की स्टील इंडस्ट्री को फायदा पहुंचा था, जिसकी मुख्य वजह घरेलू बाजार में फिनिश्ड स्टील के रेट कम होने से लोकल इंडस्ट्री की पकड़ मजबूत हुई थी। इसके साथ ही इंजीनियरिंग इंडस्ट्री के निर्यात में भी वृद्धि हुई थी लेकिन अब विदेशों में स्टील की डिमांड बढऩे से बड़ी कम्पनियां अपना माल एक्सपोर्ट करने लगी हैं और घरेलू बाजार में अपने उत्पाद न बेचकर कृत्रिम शॉर्टेज के जरिए रेटों में वृद्धि करने लगी हैं।