कई दिन की मेहनत के बाद जारी हुअा रिजल्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jun, 2017 03:15 PM

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कई दिन से रिजल्ट के लिए धक्के खा रहे सरकारी  स्कूल के वोकेशनल के 30 बच्चों का रिजल्ट आखिरकार पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सोमवार शाम जारी कर दिया लेकिन नवांशहर जिला शिक्षा दफ्तर की ओर से विधायक अंगद सिंह के सामने अपने नंबर बनाने के चक्कर में मंगलवार...

नवांशहरः कई दिन से रिजल्ट के लिए धक्के खा रहे सरकारी  स्कूल के वोकेशनल के 30 बच्चों का रिजल्ट आखिरकार पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सोमवार शाम जारी कर दिया लेकिन नवांशहर जिला शिक्षा दफ्तर की ओर से विधायक अंगद सिंह के सामने अपने नंबर बनाने के चक्कर में मंगलवार को फिर से बच्चों को चार घंटे घुमाया गया।

 

पहले बच्चों को रिजल्ट जारी होने की सूचना स्कूल प्रशासन ने मंगलवार सुबह दे दी। बच्चों ने अपने नंबर बोर्ड की वैबसाइट पर ऑन लाइन देख लिए थे, लेकिन उन्हें आगे दाखिले के लिए करैक्टर सर्टीफिकेट लेने थे। ऐसे में मंगलवार सुबह 9 बजे सभी बच्चे स्कूल पहुंचे। 11 बजे तक सभी बच्चे स्कूल आ गए, लेकिन उन्हें करैक्टर सर्टीफिकेट जारी नहीं किया गया। स्कूल की ओर से बच्चों को उनके करैक्टर सर्टीफिकेट जारी करने से पहले यह कहा जाता रहा कि खुद डी.ई.ओ. साहिब आ रहे हैं लेकिन कुछ समय बाद सभी बच्चों को विधायक अंगद सिंह के सलोह कोठी आवास पर पहुंचने के लिए कह दिया गया। 

 

बच्चों व उनके परिजनों को यह कहा गया कि वहां पर ही आप लोगों को सर्टीर्फिकेट मिलेंगे। कोठी पहुंचे बच्चों व उनके परिजनों को चाय पिलाई गई तथा उसके बाद विधायक अंगद सिंह, डी.ई.ओ. हरी किशन, डिप्टी डी.ई.ओ. तरणजीत सिंह, स्कूल प्रिंसीपल सुषमा शर्मा ने बच्चों को साथ खड़े कर ग्रुप फोटो खींची तथा बच्चों को दोबारा सरकारी स्कूल पहुंचने के लिए कह दिया गया। फोटो के बाद बच्चों को कहा गया कि आप लोगों को सर्टीफिकेट स्कूल में ही मिलेंगे। जब सर्टीफिकेट स्कूल में ही मिलने थे, तो बच्चों को क्यों विधायक के घर ले जाया गया, यह सोचने की बात है।
 

डी.ई.ओ. हरी किशन ने कहा-मैंने बच्चों को विधायक की कोठी नहीं भेजा। बच्चों के परिजन खुद विधायक का धन्यवाद करना चाहते थे। वे पर अपनी मर्जी से गए। मामला कुछ भी हो, बड़ी बात ये है कि अगर बच्चों को कोठी में सर्टिफिकेट देने की बात कही थी, तो वहीं देने चाहिए थे, उन्हें स्कूल क्यों बुलाया गया।
 

बच्चों के रिजल्ट रुकने का कारण यह था कि बोर्ड के पेपरों से पहले स्कूल की ओर से भरे गए आन लाइन फार्म में सभी 30 वोकेशनल स्टूडेंट्स के विषय वोकेशन न भर कर और कोई भर दिए गए। ऐसे में बोर्ड ने रिजल्ट रोक दिया गया। बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने से पहले स्कूल को प्रति बच्चा 6 हजार रुपए जमा करवाने को कहा गया था। 30 बच्चों का करीब 1 लाख 80 हजार रुपए जुर्माना बन गया था। जुर्माना लाखों में होने के कारण स्कूल के लिए इतनी अमाऊंट भरना मुश्किल हो गई थी। बच्चों के लिए अपने रिजल्ट के लिए कई बार स्कूल प्रिंसीपल, डी.ई.ओ. व डीसी को मांगपत्र दिए गए तथा पिछले सप्ताह तो बच्चों ने अपने गांवों की पंचायतों को लेकर धरना देने की बात तक कह दी थी। आखिर स्कूल प्रिंसीपल सुषमा शर्मा की कोशिशों से रिजल्ट जारी हो पाया।

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