Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 09:35 AM
पंचकूला में हुई हिंसा दौरान 38 व्यक्तियों की मौत हो गई, जिसमें ज्यादातर डेरा प्रेमी ही थे, जोकि बहुत दुखदायक रहा परंतु हिंसा के लिए डेरा
भटिंडा(बलविंद्र): पंचकूला में हुई हिंसा दौरान 38 व्यक्तियों की मौत हो गई, जिसमें ज्यादातर डेरा प्रेमी ही थे, जोकि बहुत दुखदायक रहा परंतु हिंसा के लिए डेरा प्रेमियों को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है, क्योंकि ऐसा एक भी डेरा पे्रमी नहीं था, जिसने हिंसा की हो। यह सब कुछ राजसी गुंडातत्वों की तरफ से किया गया।
पर्स राम नगर के कुछ डेरा पे्रमियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि करीब 15 व 16 साल पहले भी डेरे के विरुद्ध साजिश रची गई, जिसके अंतर्गत डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के विरुद्ध झूठी चिट्ठी लिखवाई गई। उस चिट्ठी को आधार बना कर भाजपा ने सी.बी.आई. से जांच करवाई। तब भी केंद्र में भाजपा सरकार थी और अब भी केंद्र में भाजपा सरकार ही है। भाजपा सिर्फ हिन्दूवाद चाहती है। करीब 15 साल पहले भाजपा की ही वाजपेयी सरकार ने यह नाटक शुरू किया, जो अब मोदी सरकार की तरफ से जारी रखा जा रहा है।
झूठी शिकायत, झूठे गवाह को अदालत में पेश किया गया, जिसके आधार पर अदालत ने डेरा प्रमुख के विरुद्ध फैसला सुनाया है।उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने जान-बूझकर पहले पंचकूला में डेरा प्रेमियों को एकत्रित होने दिया और फिर कुछ गुंडातत्वों को डेरा पे्रमियों में शामिल किया, जिन्होंने हिंसा की और वाहनों व कई स्थानों को आग लगा दी, जिसके चलते सुरक्षा कर्मियों ने गोली चलाई। इसमें भारी संख्या में डेरा प्रेमियों की मौत हुई है। इस दौरान महिला श्रद्धालु का कहना था कि डेरा प्रमुख बेकसूर हैं और वह जल्द ही बाहर आएंगे। वह दिन दूर नहीं, जब गुरु जी विरोधियों का मुंह बंद कर देंगे।