Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 08:04 AM
विदेशों में बैठकर पंजाबियों की जान की बोली लगाई जा रही है। जरा-सी रंजिश को लेकर विदेशों से किसी की भी हत्या की सुपारी दी जा रही है। बेरोजगार युवकों को हत्या के लिए टारगेट दिए जा रहे हैं और उनके हाथों में हथियार भी थमाए जा रहे हैं। विदेशों से सुपारी...
जालंधर (रविंदर शर्मा): विदेशों में बैठकर पंजाबियों की जान की बोली लगाई जा रही है। जरा-सी रंजिश को लेकर विदेशों से किसी की भी हत्या की सुपारी दी जा रही है। बेरोजगार युवकों को हत्या के लिए टारगेट दिए जा रहे हैं और उनके हाथों में हथियार भी थमाए जा रहे हैं। विदेशों से सुपारी देने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एन.आर.आई. मक्खन सिंह की भी कनाडा की धरती से ही सुपारी दी गई थी। यह सुपारी मोस्ट वांटेड सतनाम सिंह सत्ता को दी गई थी। सत्ता पहले भी लूटपाट व हमले जैसी कई वारदातों को अंजाम दे चुका था।
पिछले दो साल की बात करें तो पंजाब में सुपारी किलिंग की 25 से ज्यादा वारदातें हो चुकी हैं। कई मामलों में तो सुपारी किल्लर सफल रहे और कई मामलों में असफलता उनके हाथ लगी। इनमें से अधिकांश मामले आज भी अनट्रेस हैं। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस सुपारी लेने वाले अपराधी को तो गिरफ्तार कर लेती है, मगर पुलिस के लंबे हाथ विदेशों से सुपारी देने वालों तक नहीं पहुंच पाते । विदेशी धरती से साजिशें व अपराध को बढ़ावा देने की लगातार घटनाओं के बाद भी पंजाब पुलिस की ओर से इन्हें भारत लाने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया जा रहा है।
हालांकि डी.जी.पी. आफिस का दावा है कि ऐसे गंभीर मामलों की लगातार लिस्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को भेजी जाती है। मगर हाल के कुछ वर्षों में पंजाब पुलिस या भारत सरकार एक भी ऐसे अपराधी को विदेश से लाने में सफल नहीं हो सकी है। पंजाब में लगातार बढ़ती बेरोजगारी को भी अपराधों के बढऩे का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। नौकरी न मिलने से निराश व हताश युवा वर्ग सीधे तौर पर अपराध का रास्ता अपना रहा है। कांट्रैक्ट किङ्क्षलग जैसे टारगेट लेकर युवा वर्ग अपराध के गहरे दलदल में फंस कर अपना भविष्य गंवा रहा है। रातों-रात अमीर बनने के स्वप्र देखने वाला युवा वर्ग अपने हाथों में हथियार थाम रहा है। इसके बाद वह बड़े-बड़े अपराधियों के संरक्षण में अपराध की दुनिया में उतर कर समाज के लिए खतरा बन रहा है।