Edited By Updated: 25 Feb, 2017 08:38 AM
अमरीका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अवैध रूप से अमरीका में बसे लोगों के खिलाफ चलाए गए अभियान से कई पंजाबी परिवार चिंता में हैं।
जालंधर (धवन): अमरीका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा अवैध रूप से अमरीका में बसे लोगों के खिलाफ चलाए गए अभियान से कई पंजाबी परिवार चिंता में हैं। इन परिवारों के बच्चे अमरीका में नौकरियां कर रहे हैं तथा वह पिछले कई वर्षों से वहीं पर बसे हुए हैं। ट्रम्प सरकार ने अमरीका से अवैध रूप से बसे सभी लोगों को बाहर निकालने का कठोर फैसला लिया है।
कई पंजाबी परिवारों का मानना है कि उनके बच्चों को अवैध रूप से अमरीका पहुंचाने के लिए ट्रैवल एजैंटों ने अहम भूमिका अदा की थी। इन ट्रैवल एजैंटों को इन पंजाबी परिवारों ने भारी-भरकम धनराशि अदा की थी। पंजाबी परिवार चाहते थे कि उनके बच्चे किसी तरह से अमरीका पहुंच जाएं।
दोआबा से विशेष रूप से अनेकों पंजाबी परिवारों ने अपने बच्चों को विदेश भेजा हुआ है। इन बच्चों को वास्तव में समुद्री रास्तों से अमरीका पहुंचाया गया था। पहले तो अमरीका में प्रवेश करना सरल नहीं था तथा दूसरा प्रवेश करने के बाद यह बच्चे किसी तरह से सैटल हुए हैं।
कुछ बच्चों को तो अमरीका पहुंचने में 6-6 महीनों का समय भी लग गया था। कुछ रास्ते में ही अटक गए थे। जालंधर के अलावा कपूरथला, नवांशहर, होशियारपुर से कई परिवारों के बच्चे इस समय अमरीका में बसे हुए हैं। वह अमरीका के विभिन्न शहरों में दैनिक मजदूरी कर रहे हैं।
इन परिवारों का कहना है कि अगर ट्रम्प सरकार ने अवैध रूप से बसे लोगों को निकालने के लिए धर-पकड़ का कार्य शुरू किया तो उस स्थिति में पंजाबी परिवारों के बच्चे भी पकड़ में आ जाएंगे तथा उन्हें भारत डिपोर्ट कर दिया जाएगा। चिंताग्रस्त पंजाबी परिवारों के सदस्यों ने अब केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगाई है तथा कहा है कि अमरीका में बसे उनके बच्चों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले को लेकर अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत करनी चाहिए ताकि पंजाबी बच्चे अमरीका में सुरक्षित रह सकें। ट्रम्प सरकार ने फिलहाल कुछ मुस्लिम देशों के उन नागरिकों के खिलाफ अभियान छेड़ा है जो अवैध रूप से अमरीका में बसे हुए हैं।