Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 10:37 AM
भारत-पाक के बीच हुए 1971 के युद्ध में फाजिल्का क्षेत्र को बचाने केक लिए सेना के सैंकड़ों जवानों ने शहीदी प्राप्त की। वहीं, उस समय सीमा सुरक्षा बल की 22वीं बटालियन के जवानों ने अग्रिम लड़ाई में दुश्मनों का मुकाबला किया व पाकिस्तानी सेना द्वारा कब्जे...
फाजिल्का (लीलाधर): भारत-पाक के बीच हुए 1971 के युद्ध में फाजिल्का क्षेत्र को बचाने केक लिए सेना के सैंकड़ों जवानों ने शहीदी प्राप्त की। वहीं, उस समय सीमा सुरक्षा बल की 22वीं बटालियन के जवानों ने अग्रिम लड़ाई में दुश्मनों का मुकाबला किया व पाकिस्तानी सेना द्वारा कब्जे में ली भारतीय चौकियों को छुड़वाया।
3 दिसम्बर 1971 की सायं को जब पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी शुरू हुई तब सरहदों पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने गोलाबारी का जवाब देना शुरू किया, जिस में हैडकांस्टेबल निर्मल सिंह, श्याम सिंह, करतार सिंह, सूरज मल, मुल्ला सिंह, कपूर सिंह ने भी अपने प्राण न्यौछावर कर देश की रक्षा की।
मरणोपरांत इन्हें 1975 में शौर्य मैडलों से नवाजा गया। सीमा सुरक्षा बल के इन शहीद जवानों के पारिवारिक सदस्य समय-समय पर फाजिल्का की सीमा पर आकर उन्हें नमन करते हैं, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी। सेना व सीमा सुरक्षा बल के साथ-साथ इस युद्ध में पंजाब होमगार्ड व क्षेत्र के कई नागरिकों ने भी शहादत दी थी।