Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:23 AM
शहर में हो रहे निकाय चुनावों को लेकर युवाओं में मिला-जुला उत्साह देखने को मिल रहा है। युवाओं में जहां वार्ड और शहर की समस्याओं की चिंता है, वहीं बुनियादी सुविधाओं के और बेहतर होने की उम्मीद तथा शहर की सूरत बदलने का सपना भी है। सी.टी. इंस्टीच्यूट...
जालंधर (पाहवा): शहर में हो रहे निकाय चुनावों को लेकर युवाओं में मिला-जुला उत्साह देखने को मिल रहा है। युवाओं में जहां वार्ड और शहर की समस्याओं की चिंता है, वहीं बुनियादी सुविधाओं के और बेहतर होने की उम्मीद तथा शहर की सूरत बदलने का सपना भी है। सी.टी. इंस्टीच्यूट शाहपुर में युवा विद्यार्थियों से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना है कि शहरों में विकास की बात तो होती है लेकिन सड़कों पर गड्ढे और सीवरेज व्यवस्था की हालत खस्ता नजर आती है। चुनाव आते हैं तो एक संभावना-सी दिखती है कि सुविधाएं बेहतर होंगी।
रश्मि, पियूष, शिवानी, कामिनी, साहिल, हिना, बलजीत कौर, जतिंद्र, अनिकेत सहित अन्य युवाओं का कहना है कि अपना शहर खास है। चाहत है कि शहर की सूरत बदले। यहां बुनियादी सुविधाएं बेहतर हों, कुछ नया भी हो। युवाओं का कहना है कि राजनीतिक दल दावे तो करते हैं कि युवा वर्ग को साथ जोड़ा जाएगा लेकिन युवाओं के उत्थान के लिए कोई खास काम नहीं हो रहा है। निकाय चुनावों का मतलब है कि शहर में रख-रखाव का काम नए लोगों के हाथ आएगा। बीते 5 वर्ष में निगम में भाजपा व अकाली दल के बीच ही खींचतान रही। अकाली दल के लोग ही भाजपा के मेयर को घेरते रहे, जबकि कांग्रेस के लोग मजबूत विपक्ष वाली भूमिका नहीं निभा पाए। अब निगम सत्ता में कोई भी आए पहले से बेहतर की एक उम्मीद रहेगी।