Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Aug, 2017 12:01 PM
पहले एवं दूसरे विश्व युद्ध में सिख फौजियों द्वारा किए गए बहादुरी के प्रदर्शन के आस्ट्रेलिया समेत विश्व के कई देश कायल हैं। यही कारण है कि इन
मंडी गोबिंदगढ़(मग्गो): पहले एवं दूसरे विश्व युद्ध में सिख फौजियों द्वारा किए गए बहादुरी के प्रदर्शन के आस्ट्रेलिया समेत विश्व के कई देश कायल हैं। यही कारण है कि इन देशों की आर्मी में सिखों को न सिर्फ नौकरी मिलती है बल्कि उन्हें पूर्ण सम्मान भी मिलता है।
यह विचार जिला फतेहगढ़ साहिब के गांव अजनेर निवासी आस्ट्रेलियन आर्मी में पगड़ीधारी सिख ट्रूप कमांडर अमरेन्द्र सिंह घुम्मन ने स्थानीय बिधी चंद कालोनी स्थित जे.टी.एल. स्टील रोलिंग मिल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रकट किए। सिखों की भर्ती के लिए आस्ट्रेलियन आर्मी के दरवाजे खुले हैं।
अमरेन्द्र सिंह ने बताया कि युद्धों में अपनी बहादुरी का लोहा मनवाने के कारण ही आस्ट्रेलिया की आर्मी में सिखों को पहल के आधार पर नौकरी मिलती है बस उन्हें आर्मी की ट्रेनिंग तथा टैस्ट आदि पास करने पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया की आर्मी में उनके इलाके के करीब 5 सिख हैं। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष दिसम्बर में वह तरक्की लेकर कैप्टन बन जाएंगे। अमरेन्द्र सिंह को सिरोपा एवं सीरी साहिब देकर सम्मानित किया गया।