Edited By Updated: 23 May, 2017 10:43 AM
राज्य में तीसरे स्थान और जिले में टॉप करने वाली नैंसी का जब रिजल्ट आया तो उनके पिता किसी के घर में बिजली वायरिंग ठीक कर रहे थे।
पटियाला(प्रतिभा): राज्य में तीसरे स्थान और जिले में टॉप करने वाली नैंसी का जब रिजल्ट आया तो उनके पिता किसी के घर में बिजली वायरिंग ठीक कर रहे थे। पेशे से इलैक्ट्रीशियन मनोज कुमार बेटी के मैरिट में आने की खबर से बेहद खुश हुए और जिनके घर काम कर रहे थे, उनसे 2 घंटे की छुट्टी लेकर घर पहुंचे और उसे गले से लगा लिया। फिर गर्व से बेटी को उसके स्कूल लेकर पहुंचे। सैलिब्रेशन छोड़कर फिर से अपना काम करने पहुंच गए। इलैक्ट्रीशियन का काम कभी आ जाता है तो कभी नहीं आता, कोई पक्की जॉब नहीं पर बेटी ने राज्य भर में पोजिशन हासिल की। नैंसी ने भी मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बहुत ज्यादा सुविधाएं तो नहीं मिलीं पर थोड़े में ही संतुष्ट होकर नैंसी ने बिना ट्यूशन के मैरिट में जगह बनाई। नैंसी ने 11वीं में नॉन मैडीकल लिया है और डिग्री करने के बाद वह यू.पी.एस.सी. की परीक्षा क्लियर करना चाहती है।
अच्छे-बुरे अनुभव सभी के साथ होते हैं
मुझे इस बात का कभी कोई दुख नहीं हुआ कि मेरे पापा के पास जॉब नहीं है। वह इलैक्ट्रीशियन हैं, उन्हें कभी काम मिलता है, तो कभी नहीं पर उन्होंने हमेशा आगे बढऩे की प्रेरणा दी और आज इस मुकाम तक मुझे पहुंचाया है। नैंसी ने भावुक होते हुए अपने पिता की बातें शेयर कीं। अच्छे-बुरे अनुभव सभी के साथ होते हैं, नैंसी ने कहा। जैसे कभी अगर स्कूल में नहीं जा पाती थी, तो क्लासमेट्स क्या पढ़ाया, उसके बारे में बताती नहीं थीं। फिर घर आकर खुद ही उस चैप्टर को समझती थी और पढ़ती थी।
सुबह 5.30 उठकर रिवीजन करती थी
नैंसी ने अपनी पढ़ाई की बातें करते हुए बताया कि वह सुबह 5.30 उठकर 6 बजे तक जो भी क्लास में पढ़ाया जाता था, वही रिवीजन करती थी। उसके बाद स्कूल से आकर थोड़ा आराम करना और 4.30 बजे पढऩे बैठ जाती थी और रात को 8-9 बजे उठती थी। पढ़ाई की यही रुटीन थी और घर के हालातों को देखते हुए ट्यूशन नहीं रखी। हालांकि पापा ने कभी मना नहीं किया। फिर भी खुद ही सारा सिलेबस कवर करती थी। कभी ज्यादा दिक्कत होती तो मम्मी से हैल्प ले लेती थी।
मेरे पूरे परिवार में पहली टॉपर बनी है मेरी बेटी
पिता मनोज ने बताया कि उनके पूरे परिवार में नैंसी पहली टॉपर है। कुछ कारणों की वजह से उन्हें अपना मकान बेचना पड़ा और बहुत सालों से वह किराए के मकान में ही रहते हैं। नैंसी शुरू से ही पहला स्थान लेती आई है। एक बार दूसरी क्लास में वह तीसरे नंबर पर आई तो घर आकर खूब रोई कि तीसरे नंबर पर आई है। बस उसके बाद से उसने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे ही बढ़ती रही है। इतना तो पता था कि नैंसी मैरिट में आएगी पर पंजाब भर में भी टॉप-3 में रहेगी, ये नहीं पता था। बेटा और बेटी को पढ़ाने के वक्त फाइनांशियल मुश्किलें तो आती हैं पर दिल्ली गारमैंट्स वाले जोगी जी ने हमेशा सहायता की। उन्होंने कहा कि बेटी को पढऩे से बिल्कुल रोकना नहीं जो भी खर्च होगा, वह करेंगे।