Edited By Updated: 20 Jan, 2017 08:56 AM
भारतीय जीवन बीमा निगम एवं साधारण बीमा कम्पनियों के कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की 4 साधारण बीमा कम्पनियों एवं
जालंधर (धवन): भारतीय जीवन बीमा निगम एवं साधारण बीमा कम्पनियों के कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की 4 साधारण बीमा कम्पनियों एवं साधारण बीमा कार्पोरेशन के विनिवेश का पुरजोर विरोध किया।रैली को संबोधित करते हुए मंडल सचिव वेद कुमार ने बताया कि केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार ने मई, 2014 में सत्ता में आते ही इस नाजुक सार्वजनिक क्षेत्र को तहस-नहस करने के लिए इंश्योरैंस लॉज अमैंडमैंट बिल संसद में पेश किया जिसका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया। आखिर मार्च, 2015 में सरकार ने यह बिल पास करवा लिया। अब यह भाजपा सरकार रैगुलेटरी मैकेनिज्म का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए अपने 56,300 करोड़ रुपए विनिवेश द्वारा एकत्रित करने के 2016-17 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की 4 साधारण बीमा कम्पनियों और साधारण बीमा कार्पोरेशन के 25 गुना शेयर बेचने जा रही है।
सरकार दलील दे रही है कि ये सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कम्पनियां एवं कार्पोरेशन मार्कीट से अपना फंड पूरा करें और सरकार से कोई मदद न लें। इन साधारण बीमा कम्पनियों और भारतीय जीवन बीमा निगम ने सरकार से कभी कोई मदद नहीं ली। 31.3.2016 को साधारण बीमा कार्पोरेशन ने 482.15 करोड़ रुपए लाभांश के रूप में सरकार को दिए हैं और इसी वित्तीय वर्ष में साधारण बीमा कम्पनियों की कुल प्रीमियम आय 47,715.55 करोड़ 12.14 गुना की ग्रोथ के साथ थी परन्तु सरकार अपने पूंजीपति आकाओं को खुश करने के लिए ये सब कर रही है।
बीमा कर्मचारियों का सर्वोच्च संगठन आल इंडिया इंश्योरैंस इम्प्लाइज एसोसिएशन इसका पुरजोर विरोध करता है और बीमा कर्मचारी सरकार की इस घिनौनी चाल को आम लोगों तक लेकर जाएंगे तथा 24वें आल इंडिया सम्मेलन जो कि 21 से 25 जनवरी, 2017 को एर्नाकुलम (केरल) में होने जा रहा है, में भी इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। अन्य के अलावा इस अवसर पर इंद्रदेव चोपड़ा, रजनीश सहगल, राजिन्द्र कुमार, परवीन छाबड़ा, रेणु कालड़ा, पंकज भारद्वाज ने संबोधित किया।