Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 10:41 AM
रैगुलेटरी कमीशन ने पावर-कॉम को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि कमीशन ने जो 1 अप्रैल, 2017 से उद्योगों सहित सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम बढ़ाए...
खन्ना(शाही): रैगुलेटरी कमीशन ने पावर-कॉम को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि कमीशन ने जो 1 अप्रैल, 2017 से उद्योगों सहित सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम बढ़ाए हैं उन्हें लागू करने के लिए 9 किस्तों में बकाया लेना है उसे पावर-कॉम उपभोक्ताओं के रैगुलर मासिक या द्विमासिक बिलों में जोड़ कर नहीं ले सकता।
एक शिकायत ऑल इंडिया स्टील री-रोलर्ज एसोसिएशन के कार्यकारी बलबीर चंद वर्मा ने रैगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन को की थी, जिसमें एसोसिएशन ने साल 2016 में एक पावर-कॉम की कार्यशैली पर शिकायत की थी जिसमें कहा गया था कि पावर-कॉम ने जब भी कोई पिछला बकाया उपभोक्ताओं से लेना होता है तो बिना कोई विवरण दिए रैगुलर बिल में जोड़ दिया जाता है जिससे उपभोक्ता पावर-कॉम के ऑफिसों के चक्कर लगाने पर परेशान रहते हैं जोकि रैगुलेटरी कमीशन द्वारा पारित सप्लाई कोड नं. 30.1.2 की उल्लंघना है।
रैगुलेटरी कमीशन ने शिकायत का सख्त संज्ञान लेते हुए एक आदेश पास किया था जिसमें पावर-कॉम को चेतावनी दी गई थी कि अगर भविष्य में पावर-कॉम ने कोई भी बकाया बिना पूरे विवरण के अलग बिल जारी न कर रैगुलर बिल में जोड़ा तो जिम्मेदार ऑफिसर पर जुर्माना लगाया जाएगा परंतु टैरिफ रेट अंतर का बकाया बिना कोई विवरण दिए उपभोक्ताओं के रैगुलर बिलों में जोड़ा जा रहा है। रैगुलेटरी कमीशन ने एसोसिएशन के पत्र की कॉपी पावर-कॉम के चीफ इंजीनियर टैरिफ को आदेश दे दिए हैं कि पिछला बकाया रैगुलेटरी बिलों में न जोड़कर अलग से पूरे विवरण के साथ चार्ज किया जाए।