Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 11:20 AM
इंतकाल करवाने की एवज में तय की गई 40 हजार रुपए की रिश्वत में से पार्ट पेमैंट के तौर पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते स्थानीय रैवेन्यू विभाग के पटवारी राजेश बॉबी को स्थानीय विजीलैंस ब्यूरो ने रंगे हाथों काबू करने का दावा किया है।
अमृतसर(महेन्द्र, संजीव): इंतकाल करवाने की एवज में तय की गई 40 हजार रुपए की रिश्वत में से पार्ट पेमैंट के तौर पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते स्थानीय रैवेन्यू विभाग के पटवारी राजेश बॉबी को स्थानीय विजीलैंस ब्यूरो ने रंगे हाथों काबू करने का दावा किया है।
आरोपी के खिलाफ थाना विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 की धारा 7, 13 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। डी.एस.पी. विजीलैंस नवजोत सिंह ने बताया कि स्थानीय चीचा निवासी दर्शन सिंह पुत्र सर्बजीत सिंह ने विजीलैंस ब्यूरो से शिकायत की थी कि उसकी मां बलबीर कौर तथा बहन रानी की मौत हो चुकी है।
गांव चीचा में स्थित उनकी पारिवारिक जमीन से संबंधित माता बलबीर कौर तथा बहन रानी की विरासतों के इंतकाल करवाने के लिए उसने गांव चीचा के रैवेन्यू पटवारी राजेश कुमार (बॉबी) से संपर्क किया जो इसकी एवज में कुल 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। मिन्नतें करने पर वह 40 हजार रुपए पर आ गया था।
उसने पटवारी को पार्ट-पेमैंट के तौर पर 10 हजार रुपए देने की बात कही व शिकायत के आधार पर विजीलैंस ब्यूरो ने कथित आरोपी पटवारी को रंगे हाथों काबू करने के लिए एक छापामार टीम तैयार की जिसके तहत कथित आरोपी पटवारी को अटारी स्थित तहसील कार्यालय में शिकायतकत्र्ता से 10 हजार रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है।
पटवारी और विजीलैंस टीम में हुई नोक-झोंक
विजीलैंस ब्यूरो की टीम जब रंगे हाथ पटवारी राजेश को गिरफ्तार करके विजीलैंस ब्यूरो आफिस पहुंची तो सारी टीम पटवारी के व्यवहार को लेकर काफी गुस्से में दिखाई दे रही थी। कहा जा रहा था कि राजेश पटवारी ने वहां से फरार होने का प्रयास किया था।
दूसरी तरफ पटवारी कह रहा था कि उसे इस मामले में जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। इन्हीं बातों को लेकर पटवारी तथा विजीलैंस ब्यूरो की छापामार टीम में काफी समय तक विवाद छिड़ा रहा। दूसरी तरफ विजीलैंस ब्यूरो की टीम का यह कहना था कि तलाशी के दौरान पटवारी की पैंट की जेब में से 10 हजार रुपए के वे नोट बरामद किए गए हैं जो विजीलैंस ब्यूरो ने नंबर नोट करके शिकायतकत्र्ता के हाथ भेजे थे।
अमृतसर से फोन करके बुलाया था पटवारी को
इसी बीच अमृतसर पटवारखाने में यह चर्चा छिड़ी हुई थी कि पटवारी राजेश (बॉबी) विजीलैंस ब्यूरो की टीम की छापामारी से करीब 2 घंटे पहले अमृतसर पटवारखाने किसी अन्य काम के लिए आया हुआ था। जिसे शिकायतकर्ता ने बहाने से फोन कर अटारी आने को कहा था। शिकायतकत्र्ता द्वारा फोन पर पटवारी को अटारी बुलाए जाने के कुछ ही मिनट बाद योजनाबद्ध तरीके से ज्यों ही शिकायतकर्ता ने कथित आरोपी पटवारी को 10 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर दिए तो विजीलैंस ब्यूरो की छापामार टीम ने शैडो गवाह का इशारा मिलते ही पटवारी राजेश (बॉबी) को रंगे हाथ काबू कर लिया।