Edited By Updated: 24 Feb, 2017 02:54 PM
नोटबंदी को करीब 110 दिन हो गए हैं लेकिन बैंकों में कैश की किल्लत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कै श लेने के लिए बैंकों में लोगों की लाइनें लगी रहती हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 50 दिनों में कैश सुचारू रूप से मिलने की घोषणा की थी।...
गिद्दड़बाहा (कटारिया): नोटबंदी को करीब 110 दिन हो गए हैं लेकिन बैंकों में कैश की किल्लत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कै श लेने के लिए बैंकों में लोगों की लाइनें लगी रहती हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 50 दिनों में कैश सुचारू रूप से मिलने की घोषणा की थी। गिद्दड़बाहा के अधिकतर बैंकों में कैश की कमी चल रही है व अधिकतर बैंकों के ए.टी.एम. भी कैश न होने की वजह से बंद रहते हैं। नोटबंदी ने जहां बैंकों की हालत पतली करके रख दी है, वहीं लोगों का विश्वास भी बैंकों से उठने लगा है, जबकि वित्त मंत्री अरुण जेतली बयान देते नहीं थकते कि बैंकों में पर्याप्त मात्रा में कैश भेजा जा रहा है ।
लोगों का कहना है कि पहले वे अपने बैंक खातों में से प्रतिदिन लाखों रुपए निकलवा लेते थे लेकिन अब उन्हें मात्र 10 हजार रुपए लेने के लिए भी बैंक प्रबंधकों से बार-बार गुजारिश करनी पड़ती है कि उन्हें पैसों की सख्त जरूरत है, इसलिए उन्हें कम से कम 10 हजार रुपए दिए जाएं, ऐसा करने से उन्हें बैंक प्रबंधकों का एहसान भी कबूलना पड़ता है क्योंकि बैंक प्रबंधकों का कहना होता है कि यह रकम सिर्फ आपको ही दी जा रही है वर्ना हम तो 6 हजार की पेमैंट ही देते हैं। अब जबकि मोदी सरकार द्वारा सेविंग खातों के लिए लिमिट 24 हजार रुपए से बढ़ा कर 50 हजार रुपए प्रति सप्ताह कर दी गई है लेकिन गिद्दड़बाहा के अधिकांश बैंकों का यह हाल है कि उनके पास विगत 15 दिनों से कैश ही नहीं आ रहा, जबकि बैंक हर रोज अपने ग्राहकों से प्राप्त होने वाली राशि से ही टाइम पास कर रहे हैं।