Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 07:45 AM
प्रदेश में ज्यादातर सरकारी अस्पताल मैनेजमैंट की लापरवाहियों के कारण अक्सर ही चर्चा में रहते हैं। ऐसी लापरवाहियां मनुष्य की जिंदगी के लिए घातक सिद्ध होती हैं, जिसका एक ताजा उदाहरण सीमावर्ती.......
ममदोट (संजीव): प्रदेश में ज्यादातर सरकारी अस्पताल मैनेजमैंट की लापरवाहियों के कारण अक्सर ही चर्चा में रहते हैं। ऐसी लापरवाहियां मनुष्य की जिंदगी के लिए घातक सिद्ध होती हैं, जिसका एक ताजा उदाहरण सीमावर्ती कस्बा ममदोट के सिविल अस्पताल में देखने को मिला, जहां मरीजों के लिए जाने वाले टैस्ट के लिए तैनात लैब टैक्नीशियन ‘फरलो’ पर होकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए निजी तौर पर अनधिकृत प्राइवेट व्यक्ति को लैब का सारा काम सौंप कर चला गया।
गौरतलब है कि सुबह से लेकर दोपहर तक करीब 35 मरीजों के ब्लड समेत अन्य सैंपल लिए गए हैं, जिनमें ज्यादा गर्भवती औरतें शामिल हैं। पत्रकारों की टीम ने सिविल अस्पताल में स्थित लैबोरेटरी में जाकर देखा कि उक्त अनधिकृत प्राइवेट नौजवान मरीजों के ब्लड सैंपल ले रहा था और गर्भवती महिलाओं समेत एक दर्जन मरीज कतार में खड़े हुए थे। ड्यूटी संबंधी पूछने पर उसने बताया कि लैब टैक्नीशियन छुट्टी पर गया हुआ है और निजी तौर पर उसकी जिम्मेदारी लगा कर गया है।
हैरानी वाली बात यह है कि अस्पताल मैनेजमैंट ने लैब संचालक छुट्टी पर जाने के बावजूद यह जानने की कोशिश नहीं की कि 3 दर्जन मरीजों के टैस्टों के सैंपल कौन ले रहा है और रिपोर्ट कौन जारी कर रहा है? सबसे बड़ी त्रासदी वाली बात यह भी है कि लापरवाही के कारण ब्लड लेने वाली सिरिंजें आदि लावारिस हालत में पड़ी हुई थीं, जिनको तुरंत नष्ट करने की सख्त हिदायतें मिली होती हैं और ऐसी हालत में पड़ी सिरिंजें आदि गर्भवती औरतों के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती हैं, का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
लिखित शिकायत मिलने पर की जाएगी कार्रवाई : एस.एम.ओ.
उधर इस सारे मामले संबंधी एस.एम.ओ. डा. शीतल नारंग से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि लैब को हैंडल कर रहे व्यक्ति की ड्यूटी हमारी तरफ से नहीं लगाई गई है और लैब टैक्नीशियन निजी तौर पर जिम्मेदारी सौंप कर गया चला है जो कि अनधिकृत है। उन्होंने कहा कि लिखित शिकायत मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।