Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 04:35 AM
बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर.टी.एस.) प्रोजैक्ट घाटे में चल रहा है। पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल का यह ड्रीम प्रोजैक्ट था, इस पर उन्होंने पूरा जोर लगाया था, लेकिन उनके कार्यकाल में यह प्रोजैक्ट पूरा नहीं हो पाया। सुखबीर बादल द्वारा एक चरण...
अमृतसर(रमन): बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर.टी.एस.) प्रोजैक्ट घाटे में चल रहा है। पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल का यह ड्रीम प्रोजैक्ट था, इस पर उन्होंने पूरा जोर लगाया था, लेकिन उनके कार्यकाल में यह प्रोजैक्ट पूरा नहीं हो पाया।
सुखबीर बादल द्वारा एक चरण का फरवरी-2015 से निर्धारित समय से काफी देरी के बाद विधानसभा चुनावों को लेकर आनन-फानन में उक्त प्रोजैक्ट के पहले चरण का 15 दिसम्बर 2016 को शुभारंभ किया गया था, लेकिन अब उक्त प्रोजैक्ट की हवा निकल चुकी है। जुलाई माह से लेकर अब तक 4 माह में 3 बार बी.आर.टी.एस. बस का पहिया रुक चुका है। 2 बार डीजल के पैसे न होने पर व एक बार कर्मचारियों को वेतन न मिलने पर बस सेवा बंद हुई है। मंगलवार को भी बिना डीजल के कोई बस सड़क पर नहीं दिखी। भले ही उक्त प्रोजैक्ट पर सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च दिए गए हैं, लेकिन अभी तक यह प्रोजैक्ट पूरा नहीं हुआ है। लोग भी इन बसों को पसंद नहीं कर रहे हैं।
भंडारी पुल पर उक्त प्रोजैक्ट के लिए ब्रिज बनाने के लिए क्रेन आ चुकी है, जिसे थोड़े दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि जब तक यह प्रोजैक्ट बस स्टैंड से नहीं जुड़ता, तब तक यह घाटे में चलेगा। इस प्रोजैक्ट की लागत 550 करोड़ रुपए के लगभग है। इसमें 93 बसें चलनी हैं। शुरू किए गए दोनों कोरीडोर में पहले 16 बसें चल रही थीं, जो अब 10 पर आ गई हैं। 50 से अधिक बसें बी.आर.टी.एस. बस स्टैंड वेरका बाईपास पर खड़ी हैं।
31 कि.मी. के कोरीडोर में चलेंगी 93 बसें
31 कि.मी. के कोरीडोर में चलने वाले मैट्रो बस सिस्टम के तहत शहर में 57 बस स्टॉप बनाए जाएंगे। स्टेशन 500-500 मीटर की दूरी पर बनेंगे। विशेष बस स्टॉप पर अंगहीनों के लिए विशेष रैंप बनाए गए हैं व व्हीलचेयर का प्रबंध भी है। विश्व स्तरीय ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना व किराया प्रणाली के साथ ये बसें शहर को अलग-अलग भागों को आपस में जोड़ेंगी। कैमरों से लैस आधुनिक बसों को एक सैंट्रल रूम द्वारा संचालित किया जाएगा। शहर में अभी तक बस स्टैंड तक इन बसों की पहुंच नहीं हुई, क्योंकि भंडारी पुल के पास बनने वाले ब्रिज के कारण इस प्रोजैक्ट में देरी हो रही है। जब तक ब्रिज नहीं बनता तब तक सारा प्रोजैक्ट शुरू नहीं हो पाएगा।
राजनीति की भेंट न चढ़ जाए बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट
शहर में जब से यह प्रोजैक्ट शुरू हुआ था, तब से कांग्रेसी नेता इसे असफल प्रोजैक्ट कहते आ रहे हैं व उक्त सड़कों पर आटो चलाने की बाते करते नजर आए हैं और अब सरकार कांग्रेस की आ गई है। इससे यह प्रोजैक्ट कहीं राजनीति की भेंट न चढ़ जाए और 550 करोड़ रुपए पानी में न बह जाएं, अभी तक प्रोजैक्ट पूरा भी नहीं हुआ और बसें रुकने लगी हैं। मंत्री सिद्धू का कहना है कि इन बसों में से 60 सिटी बस भी चलाई जाएंगी।
डीजल के पैसे नहीं थे, इसलिए बस सेवा बंद हुई है। आज चंडीगढ़ पी.आर.डी.वी. से पैसे आ गए हैं, सुबह से बी.आर.टी.एस. बसें सड़कों पर दौड़ेंगी।-हरविन्द्र सिंह गिल, आप्रेशन हैड बी.आर.टी.एस प्रोजैक्ट।