Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 02:26 PM
नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी गैंगस्टरों को पनाह देने वाले एन.आर.आई. कुलतार सिंह गोल्डी को केस दर्ज करने के 10 माह बाद भी मोगा पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
मोगाः नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी गैंगस्टरों को पनाह देने वाले एन.आर.आई. कुलतार सिंह गोल्डी को केस दर्ज करने के 10 माह बाद भी मोगा पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। आरोपी एन.आर.आई भूमिगत है और पुलिस कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक आरोपी को इश्तिहारी मुजरिम करार दिए जाने का इंतजार कर रही है। मामले की जांच कर रहे थाना अजीतवाल के प्रभारी जसवंत सिंहका कहना है कि आरोपी कुलतार सिंह गोल्डी की जमानत शैशन कोर्ट और बाद में हाईकोर्ट से रद्द हो चुकी है। ऐसे में आरोपी की गिरफ्तारी न होने के चलते इसी माह अदालत द्वारा आरोपी को इश्तिहारी मुजरिम करार दे दिया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने अदालती प्रक्रिया पूरी कर दी है। जांच अधिकारी का कहना है कि आरोपी एन.आर.आई. की गिरफ्तारी होने से गैंगस्टरों के संबंधी में बड़े खुलासे होने की संभावना है।
बता दें कि मोगा पुलिस द्वारा गांव ढुडीके निवासी एन.आर.आई. गोल्डी और उसके दोस्त गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों के साले गुरविंदर सिंह गौरी को गैंगस्टर एवं नाभा जेल ब्रेक मामले के मास्टरमाइंड गुरप्रीत सिंह सेखों और उसके साथियों को पनाह देने के आरोप में 16 फरवरी, 2017 को विभिन्न धाराओं के तहत नामजद किया था।
पिछले साल 27 नवंबर को नाभा जेल से फरार होने वाले छह आरोपियों में से दो आरोपियों को पुलिस शुरूआती जांच में ही काबू कर चुकी थी, लेकिन जेल ब्रेक के मास्टर माइंड गुरप्रीत सिंह सेखों को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक स्पेशल ऑपरेशन के तहत मोगा के गांव ढुडीके के एक घर से 12 फरवरी को काबू किया था।
जांच में जुटी पुलिस ने पाया कि जिस घर से गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों को काबू किया गया वह घर एन.आर.आई. गोल्डी का था, जो इसी साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया से भारत लौटा था। गोल्डी गुरप्रीत सिंह के साले गुरविंदर सिंह गौरी निवासी दश्मेश नगर मोगा का पुराना दोस्त था और इसी दोस्ती के चलते गौरी ने अपने जीजा गुरप्रीत सिंह सेखों और उसके साथियों को ढुडीके गांव में अपने दोस्त एनआरआइ गोल्डी के घर पर छिपाने की व्यवस्था की थी। जिस दिन पुलिस की दबिश ढुडीके गांव में हुई उस दिन गौरी और गोल्डी अपने किसी काम से लुधियाना में थे। सेखों के पकड़े जाने के बाद से दोनों पकड़े जाने के डर से भूमिगत हो गए थे। बाद में पुलिस ने मुखबिरों की मदद से आरोपी गुरविंदर सिंह गौरी को काबू कर जेल भेज दिया था।