बादल व मलूका के जिलों में बिगड़ा 5वीं और 8वीं के विद्यार्थियों का गणित

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 08:55 AM

mathematics disadvantaged groups in the districts of badal and maluka

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एम.एच.आर.डी.) द्वारा करवाए गए नैशनल अचीवमैंट सर्वे (नैस) ने पंजाब के सरकारी स्कूलों में एलीमैंट्री एजुकेशन को मजबूत करने के समय-समय की सरकारों के दावों की हवा निकाल दी है।

लुधियाना  (विक्की): मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एम.एच.आर.डी.) द्वारा करवाए गए नैशनल अचीवमैंट सर्वे (नैस) ने पंजाब के सरकारी स्कूलों में एलीमैंट्री एजुकेशन को मजबूत करने के समय-समय की सरकारों के दावों की हवा निकाल दी है। नवंबर महीने में राज्य के सरकारी व एडिड स्कूलों में पढऩे वाले 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को लेकर करवाए इस सर्वे में जो आंकड़े सामने आए हैं वह दावों को मुंह चिढ़ा रहे हैं। हैरानीजनक बात तो यह है कि गणित में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के जिले सर्वे में कुछ खास असर नहीं दिखा पाए हैं जबकि मौजूदा शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी का जिला गुरदासपुर गणित में 5वीं और 8वीं में अव्वल रहा है। मुक्तसर जिला दोनों कक्षाओं के सर्वे में नीचे रहा है। सर्वे में विभिन्न जिलों के स्टूडैंट्स को शामिल किया गया था।


5वीं के 37 प्रतिशत छात्र नहीं कर पाए आधे से अधिक प्रश्न हल 
इस सर्वे की रिपोर्ट में 5वीं और 8वीं कक्षा में गणित की परर्फोमैंस को पुअर कैटागिरी में रखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 5वीं कक्षा के लिए चयनित किए स्कूलों के 24046 विद्यार्थियों ने गणित, इंगलिश व पंजाबी का टैस्ट दिया। इसमें से करीब 37 प्रतिशत विद्यार्थी आधे से अधिक प्रश्न पत्र हल करने में नाकाम रहे। 


5वीं की सर्वे रिपोर्ट 
5वीं कक्षा के सर्वे के मुताबिक शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी का जिला गुरदासपुर के अलावा फिरोजपुर व संगरूर बैस्ट जिले बने, वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका का जिला बठिंडा, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का जिला मुक्तसर व बरनाला का परिणाम बुरा रहा। बठिंडा के आधे से ज्यादा स्टूडैंट्स 30 प्रतिशत सवालों का जवाब नहीं दे पाए।


8वीं की सर्वे रिपोर्ट 
अब 8वीं की बात करें तो रिपोर्ट के मुताबिक 24,920 स्टूडैंट्स को सर्वे में शामिल किया गया जिसमें से सिर्फ 12 प्रतिशत बच्चे ही गणित का प्रश्न पत्र पूरा सॉल्व कर पाए। इस सर्वे में गुरदासपुर, फिरोजपुर व अमृतसर जिले बैस्ट बने, वहीं मुक्तसर, फतेहगढ़ साहिब और मुखअयमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के शहर पटियाला का परिणाम बुरा रहा।

 

बरनाला, बठिंडा, मोहाली के 60 प्रतिशत स्टूडैंट हल नहीं कर पाए 30 प्रतिशत प्रश्न

बरनाला, बठिंडा व मोहाली के 60 प्रतिशत स्टूडैंट्स 30 प्रतिशत प्रश्नों का हल नहीं निकाल पाए। हालांकि लेंग्वेज विषयों जैसे इंगलिश व पंजाबी में विद्यार्थियों का प्रदर्शन गणित की अपेक्षा कुछ बेहतर है। इसमें 5वीं के 52 प्रतिशत विद्यार्थियों ने आधे से अधिक प्रश्न पत्र सही तरह से सॉल्व किया। इसमें शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी का जिला गुरदासपुर के अलावा फिरोजपुर टॉप पर रहे। वहीं इसमें पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री रहे डा. दलजीत सिंह चीमा का जिला रूपनगर के अलावा भटिंडा व मुक्तसर कुछ खास नहीं कर पाए। 

 

लेंग्वेज विषयों के सर्वे पर नजर


बठिंडा में 5वीं के 40 प्रतिशत बच्चे इंगलिश व पंजाबी में एक तिहाई सवाल सॉल्व नहीं कर पाए, वहीं 8वीं में 55 प्रतिशत ने आधे से अधिक ने लेंग्वेज विषयों में सही जवाब दिए। इनमें भी होशियारपुर, गुरदासपुर व कपूरथला टॉप पर रहे वहीं मोगा व तरनतारन नीचे हैं। 

 

अगले होने वाले सर्वे में दिखाई देंगे बेहतरीन परिणाम : अरूणा चौधरी


नैशनल अचीवमैंट सर्वे की रिपोर्ट पर शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालते ही राज्य के सरकारी स्कूलों में ‘पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब’ प्रोजैक्ट की शुरूआत की है जिसके बेहतरीन परिणाम अगले होने वाले सर्वे में दिखाई देंगे। एम.एच.आर.डी. के इस सर्वे में जिन जिलों का परिणाम अच्छा नहीं रहा उन पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए हैं। आने वाले दिनों में इन जिलों के शिक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग करके परिणामों में सुधार लाने के टिप्स भी दिए जाएंगे।

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