Edited By Updated: 03 Dec, 2016 01:15 AM
नोटबंदी के बाद करंसी की पैदा हुई कमी थमने का नाम नहीं ले रही। लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा....
मलोट(विकास, जुनेजा): नोटबंदी के बाद करंसी की पैदा हुई कमी थमने का नाम नहीं ले रही। लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है जबकि सरकार के स्थिति सुधरने के दावे गलत साबित हो रहे हैं। कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन के कारण स्थिति और बदतर होकर रह गई है। बैंकों के सामने लोग बैंक खुलने से घंटों पहले लाइनें लगा कर खड़े होने को विवश हो रहे हैं। आज यहां एक बैंक के भीतर लोगों के आपस में हाथापाई होने का भी समाचार मिला है जिस पर बैंक अधिकारियों को पुलिस बुलानी पड़ी। आज यहां एच.डी.एफ.सी. बैंक व एक्सिस बैंक की शाखाओं के खुलने के समय वहां पर गेटमैन को बैंक का गेट तक खोलने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि भारी संख्या में खड़े लोग बैंक खुलते ही अंदर घुसने को बेताब होने लगे।
लोगों द्वारा बैंक में शीघ्र से शीघ्र घुसने का प्रयास इसलिए भी रहता है कि क्या पता बैंक वाले कब कह दें कि कैश खत्म हो गया है। उधर यहां के ज्यादातर बैंकों के ए.टी.एम. बंद नजर आए व अनेक ए.टी.एम्ज के तो शटर भी नहीं उठाए गए। कै रों रोड पर स्थित स्टेट बैंक आफ इंडिया की ब्रांच के समक्ष भी लंबी लाइनें लगी रही जबकि यहां पर जगह तंग होने के कारण ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमरा कर रह जाती है।
नागपाल नगरी के निकट लगे स्टेट बैंक के ए.टी.एम. के बाहर यह लिखा गया कि ए.टी.एम. बंद है 2 दिनों तक। मगर उस पर कोई तारीख नहीं डाली गई। इससे यह भ्रांति होती है कि आखिर किस तारीख से ए.टी.एम. दो दिनों तक बंद हैं। अब बैंकों द्वारा भले ही कुछ-कुछ करके रकम अपने ग्राहकों को दी जा रही है मगर पूरे 24 हजार न मिलने के कारण ग्राहक ों को अगले दिन फिर बैंक की लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ रहा है।