होशियारपुर में 9 सालों में सड़क हादसों में 2 हजार मौतें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 11:31 AM

hoshiarpur in 9 years  2 thousand deaths in road accidents

देश में हर साल 1 लाख 40 हजार लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं। अगर एक दिन में की बात करें तो ये आंकड़ा 383 का होता है वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो तो यह आंकड़ा 461 बताता है। यानी हर घंटे 19 और हर 3 मिनट पर एक व्यक्ति सड़क हादसे में अपनी जान...

होशियारपुर(अमरेन्द्र): देश में हर साल 1 लाख 40 हजार लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं। अगर एक दिन में की बात करें तो ये आंकड़ा 383 का होता है वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो तो यह आंकड़ा 461 बताता है। यानी हर घंटे 19 और हर 3 मिनट पर एक व्यक्ति सड़क हादसे में अपनी जान गंवाता है।

यदि बात होशियारपुर जिले की करें तो पिछले 9 सालों के दौरान करीब 3 हजार सड़क हादसों में करीब 2 हजार कीमती जानें गई हैं। जिले में साल 2009 में 311 सड़क हादसों में 254, साल 2010 में 226, साल 2011 में 274, साल 2012 में 291, 2013 में 254, 2014 में 230, 2015 में 170, 2016 में 180 और साल 2017 में अब तक 120 लोगों की जानें सड़क हादसों की वजह से गईं। 

सर्वाधिक मौतों की वजह छोटे चौपहिया वाहन
इसमें कोई शक नहीं कि 9 सालों में होशियारपुर जिले की मुख्य सड़कों की हालात काफी ठीक हुई है। गत 10 सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे अधिक करीब 1 हजार मौतें छोटे चौपहिया वाहनों की वजह से हुई हैं। यदि दोपहिया वाहनों स्कूटर व मोटरसाइकिल की बात करें तो यह आंकड़ा 400 के करीब है। 

स्पीड लिमिट तो है पर जवान नहीं करते परवाह
होशियारपुर से चंडीगढ़, जालंधर, टांडा, ऊना, फगवाड़ा व दसूहा जाने के लिए मुख्य सड़कें हैं जिनकी कायापलट हो चुकी है। जब सड़कें बढिय़ां होंगी तो वाहनों की रफ्तार भी तेज होगी, पर आश्चर्य है कि वाहन चालक अपने वाहनों की स्पीड लिमिट को लेकर संजीदा नहीं हैं। यदि गति सीमा लागू की जाए तो हादसों में कमी होगी। हालांकि पुलिस के लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा। जिला ट्रैफिक पुलिस के पास ओवरस्पीड मापने के यंत्र ही नहीं हैं।  होशियारपुर में स्पीड लिमिट दर्शाते इक्का-दुक्का साइन बोर्ड लगाकर खानापूर्ति की गई है। 

बेलगाम होते जा रहे हैं युवा
शहर के युवा बेलगाम हो गए हैं। वे अक्सर तेज गति से मोटरसाइकिल दौड़ाते नजर आते हैं। इनमें कई अंडर एज होते हैं। न तो इन्हें ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी होती है, न ही उनके पास ड्राइविंग लाइसैंस होता है। वे खुद की जान खतरे में डालते ही हैं, दूसरों के लिए भी हादसे का खतरा बना रहता है।

जमानती अपराध है सड़क दुर्घटना
सड़क दुर्घटना में यदि कोई घायल होता है तो उसके खिलाफ धारा 279 के तहत लापरवाही से वाहन चलाने का मुकद्दमा दर्ज किया जाता है। यदि किसी की मौत हो जाती है तो धारा 304ए के तहत लापरवाही के कारण अनजाने में हुई गलती से मौत का मामला दर्ज किया जाता है। दोनों ही मामले जमानती अपराध हैं। सड़क दुर्घटनाओं में कमी न आने का एक मुख्य कारण इस अपराध का जमानती होना है। 

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