Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 01:32 AM
1 जनवरी, 2019 को चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से बदला हुआ नजर आएगा। इसकी तैयारियां 1 जनवरी, 2018 से शुरू होंगी। मैट्रो प्रोजैक्ट की संभावनाएं कम होती देख अब चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग ने अपने एक अहम प्रोजैक्ट इंटैलीजैंट ट्रांसपोर्टेशन...
चंडीगढ़(विजय गौड़): 1 जनवरी, 2019 को चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से बदला हुआ नजर आएगा। इसकी तैयारियां 1 जनवरी, 2018 से शुरू होंगी।
मैट्रो प्रोजैक्ट की संभावनाएं कम होती देख अब चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग ने अपने एक अहम प्रोजैक्ट इंटैलीजैंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (आई.टी.एस.) को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। अपनी 558 बसों को आई.टी.एस. में लाने के लिए सी.टी.यू. की ओर से शनिवार को टैंडर जारी कर दिया गया है जिसे जी.ई.एफ. एफिशिएंट एंड सस्टेनेबल सिटी बस सर्विसेज नाम दिया गया है।
सी.टी.यू. की योजना है कि जल्द ही इस प्रोजैक्ट के लिए कंपनी फाइनल करके ट्रांसपोर्ट सिस्टम को पूरी तरह से हाईटैककर दिया जाएगा। अपने पैसेंजर्स को अधिक से अधिक सुविधा देने के साथ-साथ सुरक्षा को भी इस सिस्टम में अहमियत दी गई है। यही वजह है कि ऑन-बोर्ड सी.सी.टी.वी. कैमरे के जरिए यात्रियों की सुरक्षा ऑनलाइन चैक की जाएगी। हालांकि अभी भी बसों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हैं लेकिन नए सिस्टम से बस के भीतर की लाइव इमेजिस और वीडियो सिंगल कंट्रोल यूनिट (एस.सी.यू.) तक पहुंचेगी।
रिकॉर्ड कायम रखने के लिए 30 दिन की वीडियो को स्टोर किया जा सकेगा। आई.टी.एस. के तहत बसों में 3जी या 4जी की सुविधा दी जाएगी। बसों को ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम के जरिए ट्रैक किया जा सकेगा। खास बात यह है कि एस.सी.यू. में बैठा स्टाफ एक समय में 25 व्हीकल्स की ऑनलाइन वीडियो पर निगाह रख पाएगा। इस सिस्टम को मोबाइल स्मार्ट फोन पर भी चैक किया जा सकेगा।
हमने कंसल्टैंट को अप्वाइंट करने का प्रोसैस पूरा कर लिया है। अब फोकस इस प्रोजैक्ट को अमलीजामा पहनाने पर है। जनवरी से इस कांसैप्ट पर काम शुरू होगा। उम्मीद है कि 31 दिसम्बर 2018 तक सभी बसें हाईटैक कर दी जाएंगी।—अमित तलवार, डायरैक्टर ट्रांसपोर्ट, यू.टी.