Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Aug, 2017 05:10 PM
पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा कांग्रेसी विधायक सुखजिन्द्र सिंह रंधावा दोनों ही गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैं।
जालंधर (धवन): पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ तथा कांग्रेसी विधायक सुखजिन्द्र सिंह रंधावा दोनों ही गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं हैं। जाखड़ को हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी थी, इसलिए चाहे सीमावर्ती जिलों के कुछ कांग्रेसी विधायकों ने जाखड़ के नाम को आगे किया था, परन्तु जाखड़ ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह को सूचित कर दिया है कि वह उपचुनाव लडऩे में दिलचस्पी नहीं रखते हैं। कैप्टन भी जाखड़ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ही रखने के पक्ष में हैं।
कांग्रेसी हलकों ने बताया कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरदासपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए जा रहे हैं, इस दौरान वह गुरदासपुर के स्थानीय विधायकों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं परन्तु मुख्यमंत्री का गुरदासपुर में ठहराव कुछ समय के लिए ही है। संभवत: कैप्टन विधायकोंके मन को टटोलने की कोशिश कर सकते हैं। कुछ समय पहले डेरा बाबा नानक के विधायक सुखजिन्द्र सिंह रंधावा का नाम भी आगे किया गया था परन्तु बताया जाता है कि सुखजिन्द्र सिंह रंधावा ने भी गुरदासपुर उपचुनाव लडऩे से यह कह कर इन्कार कर दिया है कि उनकी दिलचस्पी पंजाब की राजनीति में बने रहने में है। वह केन्द्रीय राजनीति में जाने की इच्छा नहीं रखते हैं। वैसे भी रंधावा का नाम चूंकि संभवित मंत्री पदों की सूची में चल रहा है। इसलिए भी रंधावा केन्द्रीय राजनीति में जाना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने तो मुख्यमंत्री को किसी बाहरी मजबूत कांग्रेसी नेता को गुरदासपुर उपचुनाव में उतारने की बात कही है। कांग्रेसी नेताओं ने बताया कि अभी चूंकि केन्द्रीय चुनाव आयोग ने उपचुनावों की तारीख का ऐलान नहीं किया है, इसलिए भी अभी गुरदासपुर में सियासी गतिविधियों में तेजी देखने को नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह भी कल 15 अगस्त को सुबह गुरदासपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सीधे चंडीगढ़ वापस जा रहे हैं, उनका अधिक समय तक गुरदासपुर में रुकने का कार्यक्रम नहीं है।
संभवत: गहराई से कैप्टन द्वारा इस मामले पर चर्चा व विचार बाद में किया जाएगा। यद्यपि गुरदासपुर के कई स्थानीय कांग्रेसी नेता अपने रिश्तेदारों को भी टिकटें दिलवाना चाहते हैं परन्तु फिर भी जो फैसला मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा, वह सभी को मान्य होगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कैप्टन द्वारा उम्मीदवार को लेकर की जाने वाली सिफारिश पर अपनी मोहर लगा देंगे। कैप्टन इस समय कांग्रेस राजनीति में काफी मजबूत हैं। इसीलिए मंत्रीमंडल विस्तार भी गुरदासपुर उपचुनाव के बाद करने का फैसला किया गया ताकि कांग्रेसी नेता गुरदासपुर उपचुनाव के लिए अपना पूरा समय दे सकें। कई पूर्व केन्द्रीय मंत्री भी टिकट की दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं। कुछ पूर्व विधायक भी टिकट के चाहवान हैं परन्तु किसकी लाटरी लगेगी, इसका फैसला कैप्टन पर निर्भर करता है।