Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 10:14 AM
अगर मानव संसाधन विकास मंत्रालय का फॉर्मूला लागू हो गया तो कालेजों व यूनिवर्सिटीज में प्रतिवर्ष होने वाली ग्रैजुएशन सैरेमनी में अपनी डिग्री लेने आने वाले स्टूडैंट्स नई लुक में दिखाई देंगे।
लुधियाना(विक्की): अगर मानव संसाधन विकास मंत्रालय का फॉर्मूला लागू हो गया तो कालेजों व यूनिवर्सिटीज में प्रतिवर्ष होने वाली ग्रैजुएशन सैरेमनी में अपनी डिग्री लेने आने वाले स्टूडैंट्स नई लुक में दिखाई देंगे। पिछले दिनों केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (एम.एच.आर.डी.) प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग के दौरान ग्रैजुएशन सैरेमनी में स्टूडैंट्स द्वारा गाऊन और टोपी के स्थान पर अब भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने वाली पोशाक लाने पर सहमति बनी है।
गाऊन की परम्परा काफी पुरानी
कालेजों व यूनिवर्सिटीज में पढऩे वाले स्टूडैंट्स को उनकी पढ़ाई पूरी होने के बाद डिग्री प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थान प्रभावशाली समारोह का आयोजन करवाकर स्टूडैंट्स को डिग्री सौंपते हैं। इस समारोह का स्टूडैंट्स को काफी इंतजार रहता है जिसमें वे बाकायदा गाऊन व टोपी में सजकर अपनी डिग्री प्राप्त करते हैं। यह परम्परा पिछले लंबे समय से चली आ रही है, जिस पर बदलाव करने के लिए केन्द्र सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। माना जा रहा है कि इस समारोह में डिग्री लेने आने वाले छात्र अब सिर पर पगड़ी, जबकि छात्राएं साड़ी पहनकर पहुंचेंगी।
स्टूडैंट्स के सुझाव पर फाइनल होगी ड्रैस
फिलहाल तो पोशाक संबंधी सहमति नहीं बनी है और इसका फैसला लेने संबंधी स्टूडैंट्स और आम जनता से सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। यही नहीं स्टूडैंट्स ड्रैस का डिजाइन भी दे सकते हैं, जिसके बाद ही पोशाक संबंधी कोई अगला फैसला लिया जाएगा लेकिन यह बात साफ है कि सरकार उसी डिजाइन को हरी झंडी देगी, जो भारतीय संस्कृति को दर्शाता होगा।