पकोका गैंगस्टरों के लिए बनेगा अभेद्य चक्रव्यूह, पुलिस के तरकश में होगा ब्रह्मास्त्र

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 09:44 AM

gangstar in punjab

राज्य में खुलेआमहत्याओं व फिरौती के लिए हो रहे अपहरण पर पंजाब सरकार गंभीरता से विचार तो कर रही है। एक तरफ जहां सुरक्षा एजैंसियां पंजाब में आतंकवाद पनपने के संकेत दे रही हैं तोसरी ओर गैंगस्टरों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। बेशक पंजाब की सुरक्षा...

अमृतसर(संजीव): राज्य में खुलेआमहत्याओं व फिरौती के लिए हो रहे अपहरण पर पंजाब सरकार गंभीरता से विचार तो कर रही है। एक तरफ जहां सुरक्षा एजैंसियां पंजाब में आतंकवाद पनपने के संकेत दे रही हैं तोसरी ओर गैंगस्टरों ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। बेशक पंजाब की सुरक्षा एजैंसियां इन कुख्यात अपराधियों व गैंगस्टरों को पकडऩे के लिए दिन-रात जुटी हुई हैं।

मगर हाईटैक हो चुके गैंगस्टर भी पुलिस के हर पैंतरे पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के हाथ मजबूत करने की जरूरत है जिसके लिए सरकार पकोका (पंजाब कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लाने की तैयारी में है। अगर जल्द ही पंजाब में पकोका एक्ट लागू कर दिया जाता है तो यह राज्य की शांति के लिए पुलिस के तरकश में ब्रह्मास्त्र का काम करेगा।

क्या है पकोका 
महाराष्ट्र सरकार ने 1999 में मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) बनाया था, उसी के समान अब पंजाब सरकार भी पकोका को राज्य में लागू करने की तैयारी कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य संगठित अपराध जैसे अंडरवल्र्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या प्रयास, धमकी, उगाही सहित कई ऐसे अपराध जिनसे भारी धनराशि वसूली जाती है, इस कानून में शामिल होंगे। कानून के विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र में मकोका लगने के बाद से अपराधियों को आसानी से जमानत नहीं मिलती।

कैसे लगता है मकोका
किसी के खिलाफ मकोका लगाने से पहले एडीशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस से मंजूरी लेनी पड़ती है। इसमें आरोपी पर तभी मुकद्दमा दर्ज होता है जब वह 10 वर्षों के दौरान कम से कम 2 संगठित अपराधों में शामिल हो।  मामला दर्ज होने के उपरांत चार्जशीट भी दाखिल की गई हो। अगर पुलिस 180 दिनों में चार्जशीट दाखिल नहीं करती तो आरोपी की जमानत हो सकती है। मकोका में पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने के लिए 180 दिन मिलते हैं जबकि अन्य मामलों में यह समय सीमा 60 से 90 दिन की है।

पुलिस 30 दिन का रिमांड हासिल कर सकती है जबकि भारतीय दंडावली की धाराओं के तहत यह समयसीमा 15 दिन है। मकोका में अधिकतम फांसी व न्यूनतम 5 वर्ष की कैद का प्रावधान है। इसी प्रकार पंजाब सरकार भी राज्य में पकोका (पंजाब कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) लाने के लिए मसौदा तैयार कर रही है। पकोका के लागू होते ही पुलिस के हाथ इस कदर मजबूत हो जाएंगे कि राज्य में आपराधिक साजिश रचने वाला कानून की गिरफ्त से बच नहीं सकेगा। शातिर अपराधियों पर पकोका एक डर का भी काम करेगा। 

मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विक्की गौंडर

मूल रूप से मलोट के सारावान बोदला गांव के रहने वाले हरजिन्द्र सिंह भुल्लर उर्फ विक्की गौंडर ने अपराध की दुनिया में कदम रखते ही अनेक संगीन वारदातों को अंजाम दिया। विक्की गौंडर उस समय सुॢखयों में आया जब गौंडर ने अपने किसी समय दोस्त रहे कुख्यात गैंगस्टर सुक्खा काहलवां की हत्या करने के उपरांत पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी में काहलवां के शव के इर्द-गिर्द नाचने की वीडिया वायरल की। अपराध जगत में अपनी एक अलग पहचान बना चुके गौंडर को पुलिस ने सुक्खा काहलवां हत्याकांड में तरनतारन से गिरफ्तार कर नाभा जेल भेजा था मगर यह हाई सिक्योरिटी वाली जेल भी गौंडर को कैद में नहीं रख सकी। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 2016 में नाभा जेल ब्रेक कांड को अंजाम दे दिया।

कई आरोपियों को तो पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है मगर गौंडर आज भी अपनी अपराध की दुनिया बसाए बैठा है। खुफिया एजैंंसियों की रिपोर्ट में गौंडर कई बार पंजाब आ चुका है मगर वे आज तक उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही हैं। अपने माता-पिता का इकलौता बेटा व 2 बहनों का भाई गौंडर कभी डिस्कस थ्रो में नाम कमा चुका था मगर जब से अपराध की ओर मुड़ा, वह अपनी घर वापसी के सारे रास्ते बंद करता चला गया। आज विक्की गौंडर पर हत्या, किडनैपिंग, फिरौती, गैंगवार जैसे दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं और सुरक्षा एजैंसियां व राज्य की पुलिस उसका सुराग निकालने में असफल रही हैं।

हैरी चट्ठा ने मचा रखा है आतंक
सुरप्रीत सिंह उर्फ हैरी चट्ठा का नाम भी नाभा जेल ब्रेक के मुख्य आरोपी विक्की गौंडर के साथ जुड़ा हुआ है। बटाला में पुलिस पार्टी पर हमला कर फरार हुए हैरी ने अपराध जगत में आतंक मचा रखा है। डाक्टरों, फाइनांसरों व ट्रांसपोर्टरों को अपहरण कर लाखों रुपए की फिरौती वसूलने वाले हैरी चट्ठा को आज अमृतसर की ही नहीं बल्कि गुरदासपुर, बटाला, तरनतारन, अमृतसर देहाती, जालंधर की भी पुलिस ढूंढ रही है। विक्की गौंडर, हैरी चट्ठा व गोपी घनश्यामपुरिया का विरोधी गैंग गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया की अगुवाई में चल रहा है।

ये दोनों गैंग आपस में 36 का आंकड़ा रखते हैं और अपने आमने-सामने होने पर दोनों गैंग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं। हाल ही में हैरी चट्ठा ने अपने साथियों के साथ मिल कर स्थानीय रणजीत एवेन्यू के रहने वाले एक डाक्टर का अपहरण करने की वारदात को अंजाम दिया था जिसमें चट्ठा व उसके साथियों ने डाक्टर की जान छोडऩे के ऐवज में उसके घर से 7.50 लाख रुपए लिए और 60 लाख रुपए इकट्ठा करने की धमकी दी थी जिसमें अमृतसर देहाती पुलिस ने हैरी चट्ठा के एक साथी को तो गिरफ्तार कर लिया मगर हैरी चट्ठा व गोपी घनश्यामपुरिया अभी तो पुलिस के हाथ नहीं लग पाए हैं। 

कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया बना तस्कर 
अमृतसर जेल से पैरोल पर बाहर आए गैंगस्टर बब्बा शरीफपुरिया को गोलियों से भून मौत के घाट उतारने वाले जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया ने इस वारदात के उपरांत जहां अपने नाम की दहशत बना ली, वहीं वह शहर के नामी बुकीज व सटोरियों पर भी अपना रोब जमा लिया। गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया व गैंगस्टर विक्की गौंडर के बीच शुरू से ही विवाद की स्थिति रही है। मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को अमृतसर देहाती पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी जो अब जेल से ही अपने गैंग को चला रहा है और बाहर बैठे उसके साथी जग्गू के नाम की दहशत फैला रहे हैं। हाल ही में जिला पुलिस हिन्दू नेता विपिन शर्मा हत्याकांड के उपरांत जग्गू भगवानपुरिया व उसके निकटतम साथी बॉबी मल्होत्रा को अदालत के निर्देशों पर प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई। पुलिस को शंका है कि सारज मिंटू व शुभम हिन्दू नेता की हत्या में शामिल हैं और दोनों ही जग्गू के साथ जुड़े होने के कारण उसे भी इस हत्याकांड के बारे में पूरी जानकारी होगी। पुलिस इस पर गहनता से जांच कर रही है।

मर्डर, किडनैपिंग, फिरौती, आतंक का खेल खेलने वाले गैंगस्टरों पर भारी पड़ेगा पकोका 

‘पंजाब केसरी’ की टीम ने खोजबीन के दौरान पाया कि माझा क्षेत्र में कुछ ऐसे गैंगस्टर हैं जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में ही इस कदर अपने नाम का आतंक बना लिया है कि पब्लिक में तो इन की खासी दहशत है ही, पुलिस अधिकारी भी अपने परिवार के बारे सोच कर इनसे पंगा नहीं लेते। इस समय माझा क्षेत्र में दहशत का दूसरा नाम विक्की गौंडर व जग्गू भगवानपुरिया हैं। दोनों ही गैंगस्टरों में 36 का आंकड़ा है।

विक्की गौंडर पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहा है जबकि जग्गू भगवानपुरिया अमृतसर की जेल से अपना खेल खेल रहा है। जब भी इन दोनों गैंगस्टरों के गुर्गे आमने-सामने होते हैं तो वे एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं। इतिहास गवाह है कि दोनों गुटों के बीच कई बार खूनी भिड़ंतें भी हुईं जिसमें जानें तक गईं। पंजाब सरकार इन दहशतगर्दों पर शिकंजा कसने का पूरा मन बना चुकी है जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक में जहां राज्य की कानून व्यवस्था पर चोट करने वालों के साथ सख्ती से निपटने को कहा, वहीं उन्होंने पंजाब पुलिस को मजबूत करने के लिए जल्द ही पकोका लागू करने का भी आश्वासन दिया। 

गोपी घनश्यामपुरिया भी फैला रहा दहशत
जिला अमृतसर के गांव घनश्यामपुर का रहने वाले गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी घनश्यामपुरिया का नाम भी आज पंजाब के उन गिने-चुने गैंगस्टरों में लिया जाने लगा है जिन्हें अभी तक पंजाब पुलिस गिरफ्तार करने में तो नाकाम रही है। यह गैंगस्टर लगातार वारदाते करके राज्य में अपने नाम की दहशत फैला रहा है। नाभा जेल ब्रेक में भी गोपी ने अपने साथी गैंगस्टर हैरी च_ा व प्रेमा लाहौरिया के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया था। गोपी पुलिस को डेढ़ दर्जन के करीब आपराधिक मामलों में वांछित है। घनश्यामपुरिया व हैरी च_ा दोनों विक्की गौंडर के साथी हैं जिन्हें पुलिस ने अब ए-श्रेणी में डाला है। यह गैंग पुलिस के लिए जहां सिर दर्द बना हुआ है वहीं लोगों में भी अपनी दहशत बनाए हुए है। 

गैंगस्टर बॉबी मल्होत्रा है भगवानपुरिया का साथी
गैंगस्टर बॉबी मल्होत्रा पिछले लंबे समय से जग्गू भगवानपुरिया के साथ चल रहा है जिसने गत वर्ष थाना बी डिवीजन के ठीक सामने हरिया गैंग के हरिया को गोलियां मार मौत के घाट उतार दिया था। शहर के विभिन्न थानों में बॉबी मल्होत्रा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं जिसे हरिया गोली कांड के उपरांत एस.टी.एफ. ने गिरफ्तार कर लिया थ, उसके उपरांत जिला पुलिस ने भी उसे जांच के लिए हिरासत में लिया जो अब अमृतसर जेल में बंद है। 

गैंगस्टर सारज व शुभम आतंक का दूसरा नाम

गैंगस्टर सारज व शुभम भी आतंक का दूसरा नाम बन चुके हैं। शुभम की मजीठा रोड पर अहाता मालिक के हत्याकांड से अलग पहचान बन गई थी जिसके उपरांत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कपूरथला जेल भेज दिया था। कुछ माह पूर्व जब पुलिस गार्द की निगरानी में शुभम को पेशी के लिए अमृतसर अदालत लाया जा रहा था तो उस बस का पीछा कर रहे सारज व उसके साथियों ने रईया में पुलिस पर हमला बोल दिया जिस दौरान गोलियां चला सारज अपने साथियों के साथ शुभम को पुलिस हिरासत से निकाल कर ले गया था जिसमें ड्यूटी पर तैनात एक ए.एस.आई. गोली लगने से घायल हुआ था। आज भी सारज व शुभम पुलिस की गिरफ्त से दूर चल रहे हैं। पुलिस इन पर हिन्दू नेता की हत्या की शंका जता रही है।

अमृतसर जेल गैंगस्टरों के लिए सुरक्षित शरण स्थली 

अमृतसर जेल गैंगस्टरों के लिए सुरक्षित शरणस्थली बन गई है। गैंगस्टर जेल में बैठ कर अपने गैंग को आप्रेट कर रहे हैं। हाल ही में गैंगस्टर जग्गू के जन्मदिन की वायरल हुई वीडियो यह साबित करती है कि जेल प्रशासन में शामिल कुछ काली भेड़ें गैंगस्टरों के साथ मिली हुई हैं। पंजाब सरकार ने ऐसी जेलों में सख्ती के निर्देश तो जारी कर दिए हैं मगर इन आदेशों को कहां तक लागू किया जाता है यह समय के गर्भ में है। कई बार सुॢखयों में आने के बावजूद जेल प्रशासन की कार्यकुशलता में कोई बदलाव न आना जहां पंजाब सरकार की नाकामी को दर्शाता है वहीं यह भ्रष्टाचार के भी संकेत दे रहा है। सूत्रों की मानें तो जेल के अंदर के माहौल की कल्पना से ही पांवों तले की जमीन खिसकने लगती है। आज सुधारघर के नाम पर पंजाब की जेलें अपराधियों के लिए आराम घर बन चुकी हैं जहां कानून की निगरानी में रह कर ये अपराधी कानून से खेल रहे हैं। अगर पंजाब में पकोका लागू हो जाता है तो यह गैंगस्टरों के किले को ध्वस्त करने के लिए पुलिस प्रशासन के पास एक सशक्त हथियार होगा। 

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