Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 12:38 PM
गढ़दीवाला शहर विकास की दृष्टि से अब तक पिछड़ा हुआ है और किसी भी सरकार ने इस हलके की तरफ ध्यान नहीं दिया जिस कारण यह इलाका आज भी मूलभुत सुविधाओं से वंचित है।
गढ़दीवाला (जितेन्द्र): गढ़दीवाला शहर विकास की दृष्टि से अब तक पिछड़ा हुआ है और किसी भी सरकार ने इस हलके की तरफ ध्यान नहीं दिया जिस कारण यह इलाका आज भी मूलभुत सुविधाओं से वंचित है।
पिछले कई वर्षों से यह मांग की जा रही है कि यहां पर बच्चों को तकनीकी शिक्षा देने के लिए सरकारी पॉलीटैक्निक कालेज व सरकारी आई.टी.आई. खोला जाए लेकिन किसी नेता व सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया जिस कारण गढ़दीवाला इलाके के सैंकड़ों बच्चे उक्त शिक्षा हासिल करने के लिए होशियारपुर व अन्य स्थानों पर जाने को मजबूर हैं जिस कारण उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि होशियारपुर जाने के लिए उन्हें बस पास बनाना पड़ता है परंतु गढ़दीवाला बस अड्डे पर बसों वाले पास होल्डर विद्यार्थियों को खड़े देख कर बस रोकते ही नहीं।
अगर रोकता भी है तो काफी आगे-पीछे जिससे बच्चों को भाग कर बस में चढऩा पड़ता है। ऐसी स्थिति में वे एक बड़ी दुर्घटना का शिकार भी हो सकते हैं। इस तरह होशियारपुर पहुंचने के लिए उनका काफी समय बस के इंतजार में और आने-जाने में ही बर्बाद हो जाता है जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पड़ता है। परीक्षाओं के दिनों और सॢदयों में तो उनकी परेशानियां बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं लेकिन इसकी ङ्क्षचता किसी को भी नहीं हैं जिस कारण यहां के बच्चे आज भी बसों में धक्के खाने को मजबूर हैं। बस अड्डा न होने के कारण रोड पर दिन में कई बार जाम लगा रहता है।
शिक्षा सुविधाओं की भी है कमी
वहीं शिक्षा सुविधाओं की यही गढ़दीवाला के कंडी क्षेत्र के लोगों को भी खूब अखर रही है। इलाके के लोगों ने कई बार ढोलबाहा या फिर आसपास के गांवों में एक सरकारी कालेज खोलने की मांग की है परंतु यहां पर भी नेताओं ने अपने निजी स्वार्थों को ही तरजीह दी है। कंडी इलाके के बच्चों को 10वीं और 12वीं पास करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है। यातायात के साधनों की कमी के चलते व दूर स्थानों पर जाने के कारण कई बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्ति से वंचित रह जाते हैं। पिछले समय के दौरान ढोलबाहा में सरकारी कालेज खोलने की जोरदार मांग उठी परंतु कंडी के निवासी अभी तक सरकारी कालेज से वंचित हैं।
खस्ताहाल हैं सड़कें
हलके की सड़कों की हालत भी कोई ज्यादा अच्छी नहीं है। लोग जहां प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी टांडा-रघवाल सड़क पर टाहली मोड़ से गढ़दीवाला तक प्रीमिक्स डालने की पिछले काफी समय से मांग कर रहे हैं, वहीं अन्य अनेक सड़कों की बदहाल स्थिति ने भी लोगों की नाक में दम कर रखा है। गांव सरहाला में सड़क पर बने काजवे की खस्ताहालत के चलते राहगीर भारी परेशान हैं। पानी की निकासी न होने के कारण पिछले काफी समय से काजवे बदतर स्थिति में हैं परंतु संबंधित विभाग ने कभी इसकी सुध नहीं ली।
इंडस्ट्री का न होना पिछड़ेपन का कारण
इलाके के पिछड़े रहने का एक प्रमुख कारण यहां पर कोई इंडस्ट्री का न होना है। आसपास के शहरों में तो समय-समय पर उद्योगों की स्थापना हो गई लेकिन गढ़दीवाला इस मामले में भी उपेक्षित रहा जिस कारण यहां के पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार के लिए अन्य शहरों की इंडस्ट्रियों पर निर्भर करना पड़ रहा है। परिणामस्वरूप इलाके के हजारों पढ़े-लिखे नौजवान बेरोजगारी के चलते मारे-मारे फिर रहे हैं या फिर बहुत कम वेतन पर नौकरियां कर अपना शोषण करवा रहे हैं।