Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 02:34 PM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने शिअद के नेताओं को चुनौती देते हुए पूछा कि केंद्र में अपनी सहयोगी भाजपा की सरकार होने के बावजूद वह गुरुघरों के लंगर पर जी.एस.टी. को माफ करवा नहींसके तो ऐसी स्थिति में वे पंजाब का भला कैसेकर सकते...
जालंधर/पट्टी (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने शिअद के नेताओं को चुनौती देते हुए पूछा कि केंद्र में अपनी सहयोगी भाजपा की सरकार होने के बावजूद वह गुरुघरों के लंगर पर जी.एस.टी. को माफ करवा नहींसके तो ऐसी स्थिति में वे पंजाब का भला कैसेकर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सियासी बयानबाजी के अलावा अकाली नेतृत्व ने कुछ नहीं किया। अपने 10 वर्षों केकार्यकाल के दौरान अकाली-भाजपा गठबंधन ने लूट-खसूट व माफिया राज के सिवाय कुछ नहीं किया।
जाखड़ पट्टी में कांग्रेस द्वारा आयोजित विशाल रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिअद राजनीति व धर्म को साथ लेकर चलने की बात करते हैं परन्तु न तो उसने राजनीति का भला किया है और न ही धर्म का। अगर ऐसा होता तो वह केंद्र की भाजपा सरकार से गुरुघरों के लंगरों पर जी.एस.टी. को अब तक माफ करवा देते। इस अवसर पर कांग्रेस विधायक हरमिन्द्र सिंह गिल व धर्मवीर अग्रिहोत्री भी मौजूद थे। जाखड़ ने कहा कि 10 वर्षों तक पंजाब में अकाली दल की सरकार रही परन्तु उसने किसानों का कर्जा माफ करने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया। अगर अकाली वास्तव में किसानों के कर्जों को लेकर गंभीर होते तो वह 10 वर्षों तक कर्जा माफी की स्कीम लेकर आते।
जाखड़ ने कहा कि अकाली दल हमेशा स्वयं को किसान हितैषी बताता रहा है परन्तु वास्तविकता तो यह है कि उसने किसानों के हक में कभी भी आवाज नहीं उठाई। उन्होंने पूछा कि अकाली दल बताए कि वह किसानों का कर्जा माफ करने के हक में है या नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक गांव-गांव जाकर यकीनी बनाएंगे कि कोई भी योग्य किसान कर्जा माफी स्कीम से वंचित न रह जाए।
32 हजार करोड़ खाद्यान्न घोटाले की राशि को कर्ज में तबदील करना पंजाब से धक्का
सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पूर्व अकाली सरकार के कार्यकाल में हुए 32 हजार करोड़ रुपए के खाद्यान्न घोटाले की राशि को कर्ज में तबदील करना पंजाब के भविष्य व भावी पीढ़ी से भारी धक्का है। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले ही भारी आॢथक संकट में है ऊपर से केंद्र ने इस राशि को माफ करने की बजाय इसे ऋण में परिवर्तित कर पंजाब पर और बोझ डाल दिया है। कै. सरकार ने पुलिस के कामकाज में सियासी दखलअंदाजी को खत्म किया है। अब जनता को पुलिस से इंसाफ मिल रहा है, अन्यथा पहले तो अकालियों के शासनकाल में पुलिस थाने तक अकाली जत्थेदारों केे हवाले कर दिए गए थे।