Edited By Updated: 26 Mar, 2017 10:30 AM
पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के कर्ज बदले उनकी जमीनों की कुर्की न करने के वायदों के बावजूद दर्जनों किसानों की जमीनों की कुर्की व नीलामी के बाकायदा तौर..........
फरीदकोट (हाली): पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों के कर्ज बदले उनकी जमीनों की कुर्की न करने के वायदों के बावजूद दर्जनों किसानों की जमीनों की कुर्की व नीलामी के बाकायदा तौर पर वारंट जारी हो चुके हैं व इन वारंटों के आधार पर किसी भी समय किसानों की जमीन कुर्क या नीलाम हो सकती है। किसानों के ये कुर्की वारंट सरकारी बैंकों, अद्र्ध सरकारी बैंकों, आढ़तियों व ट्रैक्टर एजैंसियों की पहल पर जारी किए गए हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मांग पर सिविल जज फरीदकोट ने गांव नंगल के बलदेव सिंह की करीब 15 कनाल जमीन कुर्क करने के हुक्म दिए हैं। बलदेव सिंह ने बैंक का करीब 8 लाख रुपए कर्ज देना है। इसी तरह आढ़ती तरलोक की अर्जी पर एडीशनल सिविल जज ने किसान इंद्रजीत सिंह की एक एकड़ जमीन नीलाम करने के हुक्म दिए हैं। इंद्रजीत सिंह से आढ़ती ने 14 लाख रुपए का कर्ज लेना है।
जैतो के एक कमीशन एजैंट की शिकायत के आधार पर किसान गुरजीत सिंह की 2 एकड़ जमीन नीलाम करने के वारंट जारी हुए हैं। गुरजीत सिंह ने कमीशन एजैंट का 4 लाख रुपए कर्ज देना है। आढ़ती मनजीत सिंह ने किसान जगरूप सिंह को दिया हुआ 7 लाख का कर्ज सहित ब्याज वापस लेने के लिए उसकी 2 एकड़ जमीन की नीलामी के लिए वारंट जारी करवाए हैं जबकि शेर सिंह वाला के किसान सुखमंदर सिंह की 2 एकड़ से अधिक जमीन नीलाम करवाने के लिए एस.बी.आई. ने अदालत से वारंट जारी करवा लिए हैं। इस मौके पर अकेले फरीदकोट जिले में 400 से अधिक किसानों के खिलाफ कर्ज की उगराही के लिए कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा स्थायी लोक अदालत में भी बैंकों ने डिफाल्टर किसानों से कर्ज वसूलने के लिए नोटिस जारी करवाए हुए हैं। गांव चैना के मलकीत सिंह व तोता सिंह से कृषि विकास बैंक ने कर्ज वसूली के लिए नोटिस जारी करवाया हुआ है। जमीनों की कुर्की व नीलामी के वारंट संबंधित तहसीलदारों को भेजकर इन पर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
क्या कहते हैं कानूनी माहिर
वरिष्ठ एडवोकेट मंगत अरोड़ा ने कहा कि कैप. अमरेंद्र सिंह द्वारा किसानों से किया वायदा गैर कानूनी है। उन्होंने कहा कि सरकार अदालतों को कुर्की या नीलाम वारंट वापस लेने के लिए नहीं कह सकती। इस समस्या का एक ही हल है कि बैंकों व आढ़तियों के पैसे सरकार वापस करे। उन्होंने कहा कि जिस राज्य के पास अपने मुलाजिमों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं वह सरकार कर्ज कैसे माफ करेगी।
क्या कहते हैं किसान नेता
किसान नेता बिंदर सिंह गोलेवाला व गुरमीत सिंह बंटी ने कहा कि कैप. अमरेंद्र सिंह ने किसानों से कर्ज कुर्की खत्म करने का वायदा करके वोट हासिल किए हैं। इसके बावजूद किसानों की जमीनें कुर्क व नीलाम होने की कार्रवाई नहीं रुकी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस प्रक्रिया को तुरंत न रोका तो पंजाब भर के किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर आ जाएंगे।