Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Aug, 2017 02:02 PM
पंजाब सरकार द्वारा राज्य में चलाई कई नशा विरोधी मुहिम में फर्जी डाक्टर बाधा बन रहे हैं क्योंकि वे बिना बिना मंजूरी के क्लीनिक चलाकर नशे
नवांशहर (मनोरंजन): पंजाब सरकार द्वारा राज्य में चलाई कई नशा विरोधी मुहिम में फर्जी डाक्टर बाधा बन रहे हैं क्योंकि वे बिना बिना मंजूरी के क्लीनिक चलाकर नशे के तौर पर प्रयोग होने वाली पाबंदीशुदा दवाइयां बेखौफ बेच रहे हैं।बिना कोई डिग्री व रजिस्ट्रेशन करवाए शहरों व गांवों में प्रैक्टिस की आड़ में उक्त लोग इस धंधे को इतनी सफाई से अंजाम दे रहे हैं कि उन पर लंबे समय तक पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की नजर नहीं पड़ती।
ज्यादा कारगर नहीं है एस.टी.एफ. की एंटी ड्रग मुहिम
गौरतलब है कि राज्य की कैप्टन सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश को नशा मुक्त बनाने का ऐलान किया गया था। नशे को राज्य में लगाम लगाने के लिए पंजाब सरकार की ओर से आई.पी.एस. हरप्रीत सिंह सिद्धू की अगुवाई में एक एस.टी.एफ. का भी गठन किया गया। उनके नेतृत्व में पुलिस ने राज्य के सभी जिलों में एंटी ड्रग मुहिम चला रखी है, परंतु इसका अभी तक राज्य में कोई खास अच्छा परिणाम सामने नहीं आया है जिसका एक बड़ा कारण पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती के बीच फर्जी क्लीनिक चलाने वाले भी हैं जहां से नशेड़ी युवकों को आसानी से पाबंदीशुदा दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं।
दूर-दराज गांवों व पिछड़ी बस्तियों में हैं ज्यादातर फर्जी क्लीनिक
अगर जिला शहीद भगत सिंह नगर की बात की जाए तो ज्यादातर फर्जी क्लीनिक जिले के दूर-दराज के गांवों व पिछड़ी बस्तियों में सक्रिय हैं जहां उनके संचालक गरीब घरों से सबंधित उन नशेड़ी युवकों को अपना ग्राहक बना रहे हैं जो ड्रग तस्करी आदि केसों में नामजद होने के बावजूद फरार हो चुके हैं। ऐसे क्षेत्रों में भगौड़े आरोपी भी पुलिस की नजर से महफूज रहते हैं।
GST लागू होने से कैमिस्ट शॉप्स पर पाबंदीशुदा दवाइयां मिलना मुश्किल
जी.एस.टी. के लागू होने से अब किसी भी दवाई की दुकान पर बिना बिल के कोई दवाई नहीं मिल सकती जिसके चलते अब दवाइयों की दुकानों पर पाबंदीशुदा दवाइयां मिलनी मुश्किल हो गई हैं। यदि कोई कैमिस्ट बिना बिल के पाबंदीशुदा दवाई मंगवाता है तो उसके बारे में पता चलने पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई कर सकता है।
दूसरे राज्यों से भी सप्लाई हो रही हैं नशीली दवाइयां
सूत्र बताते हैं कि पंजाब में ड्रग तस्करों पर शिकंजा कसने के बाद तस्कर पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि से पंजाब में नशीली दवाइयां सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को इस सप्लाई लाइन को तोडऩे के लिए कड़े कदम उठाने चाहिएं, तभी कैप्टन सरकार की ओर से शुरू की गई ड्रग विरोधी मुहिम सफल हो सकती है।