Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Oct, 2017 10:45 AM
ईराक में गए 39 भारतीय नौजवानों का 3 वर्षों के बाद भी कुछ न पता लगने के कारण भारत सरकार ने उनके परिवारों के डी.एन.ए. टैस्ट करवाने के आदेश दिए हैं। इस के अंतर्गत अलग-अलग जिलों के डिप्टी कमिश्नर परिवारों का डी.एन.ए. करवाने में लगे हुए हैं।
अमृतसर (पुरी): ईराक में गए 39 भारतीय नौजवानों का 3 वर्षों के बाद भी कुछ न पता लगने के कारण भारत सरकार ने उनके परिवारों के डी.एन.ए. टैस्ट करवाने के आदेश दिए हैं। इस के अंतर्गत अलग-अलग जिलों के डिप्टी कमिश्नर परिवारों का डी.एन.ए. करवाने में लगे हुए हैं।
जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को इस बात का पता होने के बावजूद परिवारों को उन मैडीकल कालेजों में टैस्ट के लिए भेज दिया गया है कि जहां इसकी तकनीक और किट उपलब्ध ही नहीं हैं। इस कारण टैस्ट के लिए अलग-अलग जिलों में आए पीड़ित परिवार कह रहे हैं कि वे पहले ही दुखों के मारे हैं, ऊपर से केंद्र व राज्य सरकार उनकी पीड़ा समझने की जगह उनको और दुखी कर रही है। पिछले 3 वर्षों में विदेश विभाग ने इन परिवारों से न्याय नहीं किया, सिवाय इस आश्वासन देने के कि उनके बच्चे ईराक में अभी जीवित हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी यही भरोसा परिवारों को दिया है कि हम जल्द ही ईरान गए लोगों को वापस लाने में कामयाब हो जाएंगे। परिवार के मैंबर सुषमा स्वराज को तकरीबन 15 बार मिल चुके हैं। कई बार यह भी खबर आई कि आई.एस.आई.एस. ने उनका अपहरण उनकी हत्या कर दी है। विदेश विभाग ने उनको अभी तक सही जानकारी नहीं दी है। अब जब पीड़ित परिवारों के डी.एन.ए. टैस्ट करवाने के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं तो उनको मामला कुछ-कुछ सुलझता लग रहा है। वे रो भी नहीं रहे और कुछ कह भी नहीं रहे।
आज जब डी.एन.ए. टैस्ट के लिए परिवारों के मैंबर मैडीकल कालेज पहुंचे तो उनका दुख बाहर निकल आया। जिला प्रशासन ने 8 के करीब परिवारों को मैडीकल कालेज में टैस्ट के लिए बुलाया था, परन्तु वे तब हैरान रह गए जब उनको पता लगा कि जिस एफ.टी.ए. कार्ड के द्वारा डी.एन.ए. के लिए सैंपल लिए जाने हैं. वह पंजाब के किसी भी मैडीकल कालेज में उपलब्ध नहीं है। यह जानते हुए भी जिला प्रशासन द्वारा परिवारों को मैडीकल कालेजों में भेजे जाने पर परिवार के कुछ मैंबर जल्दी ही पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को मिलने जा सकते हैं।
यह भी पता लगा है कि परिवार के मैंबर परिवारों के टैस्ट करवाने के लिए अलग से मैडीकल टीम गठित करने की मांग भी कर सकते हैं। आज सुबह जब टैस्ट करवाने के लिए परिवारों के मैंबर मैडीकल कालेज अमृतसर पहुंचे तो उनको जवाब दिया गया कि प्रशासन ने उनको अच्छी तरह गाइड नहीं किया। कालेज के पास डी.एन.ए. टैस्ट के लिए नमूना लेने के लिए अपेक्षित किट नहीं है। यह सिर्फ हैदराबाद से ही मंगवाई जाती हैं।
ईराक गए नौजवान धर्मेंद्र गांव तलवंडी जिला गुरदासपुर, गांव रूपांवाली के नौजवान कंवलजीत सिंह (फतेहगढ़ चूडिय़ांं) से बटाला एस.एम.ओ. के नेतृत्व में बनाई गई टीम ने उनकी मां के डी.एन.ए. टैस्ट लिए हैं। इसी तरह गांव तेलियाांवाली के टैस्ट लिए गए हैं। अमृतसर में मैडीकल कालेज में करीब 8 परिवारों के सदस्यों को नमूनों के लिए बुलाया गया था, परन्तु किट न होने कारण वे आज वापस चले गए। पीड़ित परिवारों ने बताया कि उनके लिए जा रहे टैस्टों से लगता है कि खबर बुरी ही आने वाली है। सरकार जानबूझ कर उनको गुमराह कर रही है। उनके टैस्ट लेने का कारण ही ईराक में मारे गए नौजवानों की पहचान करने के लिए हो सकता है।
अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा ने कहा कि मैडीकल कालेज पहुंचने के बाद ही पता लगा है कि एफ.टी.ए. कार्ड उपलब्ध नहीं हैं। यह कार्ड उपलब्ध करवाने के लिए अलग-अलग एजैंसियों से संपर्क किया गया है। हैदराबाद और मोहाली स्थित मैडीकल एजैंसियों से भी संपर्क बनाया गया है और 1-2 दिनों में ही एफ.टी.ए. कार्डों का प्रबंध करके पीड़ित परिवारों के सदस्यों के डी.एन.ए. टैस्ट के लिए नमूने ले लिए जाएंगे।