Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 01:24 PM
क्या फगवाड़ा नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की कोई अहमियत नहीं हैं? यह सवाल हर फगवाड़ा में जनता की जुबान पर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूर्व में जहां निगम स्तर ...............
फगवाड़ा (जलोटा): क्या फगवाड़ा नगर निगम में शिरोमणि अकाली दल (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की कोई अहमियत नहीं हैं? यह सवाल हर फगवाड़ा में जनता की जुबान पर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पूर्व में जहां निगम स्तर पर आयोजित हुए विभिन्न सरकारी आयोजनों में सिर्फ भाजपा मेयर का नाम ही सरकारी निमंत्रण पत्रों आदि में छपता रहा था, वहीं अब निगम कार्यालय में भाजपा मेयर अरुण खोसला तो पूरी शानो-शौकत के साथ निगम कमिश्रर के कार्यालय में कमिश्रर महोदय की सीट पर कब्जा कर विराजमान हो गए है जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पास आधिकारिक तौर पर टाऊन हाल परिसर में स्थापित सरकारी लाइब्रेरी में ही कार्यालय है।
सनद रहे कि गत दिवस जब भाजपा मेयर अरुण खोसला ने अपने मेयर कार्यालय का स्थान बदलते हुए निगम कमिश्रर के कार्यालय को स्वयं ही मेयर कार्यालय घोषित किया था तब अकाली दल (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पूरी तरह से नदारद थे। ऐसे में यदि अब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को निगम संबंधी किसी भी मुद्दे को लेकर मेयर के साथ परामर्श करना पड़ा तो दोनों को अपना कार्यालय छोड़कर खासी दूरी पर स्थित मेयर कार्यालय तक जाना होगा।
बता दें कि इससे पूर्व रही व्यवस्था में सरकारी लाइब्रेरी में भाजपा के मेयर और शिअद (ब) के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के कार्यालय एक ही छत के नीचे एक साथ एक ही लाइन में बनाए गए थे। ऐसे में यदि सीनियर डिप्टी मेयर अथवा डिप्टी मेयर को निगम संबंधी यदि कोई कार्य होता था तो वे पलक झपकते ही मेयर कार्यालय से संपर्क कर लेते थे लेकिन अब मेयर साहिब द्वारा निगम कमिश्रर कार्यालय को अपना मेयर कार्यालय घोषित कर इस पर काबिज होने के साथ ही हालात पूरी तरह से बदल गए हैं।