Edited By Updated: 17 Mar, 2017 12:41 PM
कांग्रेस के नए बने मंत्रिमंडल में से दोआबा का दलित चेहरा गायब हुआ।
होशियारपुर (घुम्मण): कांग्रेस के नए बने मंत्रिमंडल में से दोआबा का दलित चेहरा गायब हुआ। लम्बे समय से कांग्रेस की कैबिनेट में दोआबा का दलित चेहरा हमेशा मौजूद रहा है पर आज राजनीतिक पंडितों की मानें तो उनका कहना है कि कांग्रेस के दलित नेता जमीनी स्तर पर अपना आधार गंवा रहे हैं व अपनी किस्मत बार-बार अलग-अलग जगह से आजमा रहे हैं। दोआबा के एक बड़े नेता मोहिन्द्र सिंह के.पी., जोकि कांग्रेस पार्टी के कई उच्च पदों पर रहे हैं, को पिछले काफी समय से कोई भी सीट रास नहीं आ रही। गत लोकसभा चुनाव में वह अपनी रिहायश जिला जालंधर से लोकसभा सीट छोड़कर होशियारपुर लोकसभा सीट पर अपनी किस्मत आजमाने के लिए जा पहुंचे थे, क्योंकि उनको लगता था कि यहां उनका विरोध नहीं होगा व नया चेहरा होने से उनको लोगवोट डाल देंगे।
होशियारपुर से लोकसभा सीट से विजेता सांसद संतोष चौधरी थीं। उनकी टिकट कटवाकर अपने प्रभाव के साथ खुद के.पी. ने सीट ली थी परंतु वहां भी उनको हार का मुंह देखना पड़ा। होशियारपुर के लोगों ने उनको वापस भेज दिया। इस बार फिर विधानसभा चुनाव में मोहिन्द्र सिंह के.पी. ने कांग्रेस हाईकमान के पास जाकर अपने असर-रसूख से जालंधर जिले के आदमपुर हलके से टिकट हासिल कर ली जहां से पहले सतनाम सिंह कैंथ पूर्व एम.पी. कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे, पर यहां हलके में नए होने कारण लोगों से संपर्क कायम करने का समय कम मिलना उनकी हार का कारण बना।
सतनाम सिंह कैंथ 5 वर्ष हलका आदमपुर से कांग्रेस पार्टी के लिए मेहनत करते रहे। उन्होंने जिला परिषदों, ब्लाक समितियों में जीत प्राप्त की व अपनी धाक जमाने में कामयाब रहे पर उनकी टिकट आखिरी समय पर कटवाकर हलका बंगा से दे दी गई, जहां कांग्रेस की हालत काफी बुरी बनी हुई थी। ब्लाक समिति का चेयरमैन, ब्लाक कांग्रेस प्रधान व कांग्रेस के 5-6 पूर्व व मौजूदा कौंसलर आम आदमी पार्टी में जा चुके थे जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा। टिकटों की अदला-बदली से दोआबा के दलित चेहरों को मंत्रिमंडल से बाहर होना पड़ा।