Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 03:07 PM
फिरोजपुर सीमावर्ती शहर है जहां पहले से ही रोजगार के साधन बहुत कम हैं और व्यापार बहुत कम है। यहां बहुत से दुकानदारों की 6 महीने की रोजी-रोटी दीवाली पर निर्भर करती है और कड़ी मेहनत करके दुकानदार दीवाली का सीजन लगा लेते हैं तो उसमें उनके पिछले कई...
फिरोजपुर (कुमार): फिरोजपुर सीमावर्ती शहर है जहां पहले से ही रोजगार के साधन बहुत कम हैं और व्यापार बहुत कम है। यहां बहुत से दुकानदारों की 6 महीने की रोजी-रोटी दीवाली पर निर्भर करती है और कड़ी मेहनत करके दुकानदार दीवाली का सीजन लगा लेते हैं तो उसमें उनके पिछले कई महीनों से चले आ रहे घाटे पूरे हो जाते हैं। मगर इस बार दीवाली पर भारी मंदा है और दुकानदारों का मानना है कि दीवाली को 3 दिन रह गए हैं। मगर इस त्यौहार को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं है और शहर-छावनी में चहल-पहल बहुत कम है। इस बार दीवाली मजबूरियों का त्यौहार बनकर रह गया है।
फिरोजपुर शहर के दुकानदार सतपाल बजाज, विजय तुल्ली, सुभाष तुल्ली, अंकुर गुलाटी, सुमित मानकटाहला, खुशविन्द्र चावला, रिपन सहगल, टोनी आदि ने बताया कि मार्कीट में आजकल पैसा नहीं है और जी.एस.टी. के कारण लोगों के कामकाज ठप्प पड़े हैं जिस कारण व्यापारियों और उद्योगपतियों द्वारा बैंकों से लिए कर्जों का ब्याज पड़ रहा है जबकि आमदनी कम है। उन्होंने बताया कि कर्जे में डूबे किसान अपनी चिन्ता में डूबे हुए हैं जिस कारण इस बार लोगों में दीवाली के त्यौहार को लेकर उपहार खरीदने का उत्साह बहुत कम है। ड्राईफ्रूट वाले दुकानदारों और हलवाइयों का मानना है कि पहले इन दिनों में बाजारों और दुकानों में लोगों की चहल-पहल होती थी। मगर इस बार यह काम आधा रह गया है अगर कोई व्यक्ति बाजार में गिफ्ट या ड्राईफ्रूट आदि के डिब्बे लेने आता है तो बड़ी मजबूरी में आता है।
नहीं मिला सरकारी
कर्मचारियों को वेतन सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि इस बार कई विभागों के कर्मचारियों को समय पर मासिक वेतन न मिलने पर उनके लिए दीवाली का त्यौहार फीका है।
रुकी पड़ी है ठेकेदारों की पेमैंट
अलग-अलग सरकारी विभागों के ठेकेदारों ने बताया कि सरकार द्वारा उनकी लाखों करोड़ों रुपए की पेमैंट नहीं की जा रही और उनके बिल पैंङ्क्षडग पड़े हैं जिस कारण इस बार उनके लिए दीवाली का त्यौहार खुशियों वाला नहीं रहा।