Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 09:17 AM
आटा-दाल योजना के वितरण में भारी गड़बड़ी का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि फूड सप्लाई विभाग की अंधेरगर्दी से परेशान उपभोक्ताओं ने उपभोक्ता अदालतों में न्याय की अपील करनी शुरू कर दी है और अदालतें भी फूड सप्लाई विभाग के खिलाफ सख्त फैसले सुना रहीं...
अमृतसर(नीरज): आटा-दाल योजना के वितरण में भारी गड़बड़ी का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि फूड सप्लाई विभाग की अंधेरगर्दी से परेशान उपभोक्ताओं ने उपभोक्ता अदालतों में न्याय की अपील करनी शुरू कर दी है और अदालतें भी फूड सप्लाई विभाग के खिलाफ सख्त फैसले सुना रहीं हैं।
उपभोक्ता अदालत अमृतसर के प्रिजाइंडिंग मैंबर अनूप शर्मा व मैंबर रचना अरोड़ा की अदालत ने एक नीला कार्ड धारक गरीब महिला के अधिकारों की रक्षा करते हुए जिला फूड सप्लाई कंट्रोलर अमृतसर को 20602 रुपए जुर्माना किया है। एक महीने के भीतर यदि उपभोक्ता अदालत के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो अदालत कंटैंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई शुरू कर सकती है, जिसमें 3 वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है। इतना ही नहीं, अदालत ने पंजाब सरकार को डी.सी. के जरिए फूड सप्लाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है।
जानकारी के अनुसार गुरु अमर दास एवेन्यू निवासी कुसुम ने उपभोक्ता अदालत में फूड सप्लाई विभाग के छहर्टा वार्ड के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की थी कि उसे विभाग के अधिकारियों व इंस्पैक्टरों द्वारा आटा-दाल स्कीम के अंतर्गत मिलने वाला 2 रुपये किलो वाला गेहूं नहीं दिया जा रहा है। फूड सप्लाई विभाग के बार-बार चक्कर काटने के बावजूद उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई, जिससे उसे मानसिक रूप से भी काफी परेशानी हुई है। अदालत की तरफ से उक्त गरीब महिला की शिकायत पर सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला सुनाया गया है।
मिट्टी के तेल की करवाई जाए विजीलैंस विभाग से जांच
एक तरफ जहां आटा-दाल स्कीम के तहत बांटे जाने वाले गेहूं के वितरण में भारी गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं तो दूसरी तरफ मिट्टी के तेल के वितरण में तो बिल्कुल ही अंधेरगर्दी मची हुई है। समाज सेवक विजय अग्रवाल ने विजीलैंस विभाग, डी.सी. व फूड सप्लाई विभाग के सचिव को लिखित शिकायत देकर मिट्टी के तेल के वितरण की विजीलैंस विभाग से जांच करवाने की मांग की है।
शिकायत में कहा गया है कि सरकार ने लाखों लीटर मिट्टी का तेल गरीबों को बांटने के लिए कोटा रिलीज किया था, लेकिन यह कोटा विभागीय अधिकारियों व कुछ बड़े डिपो होल्डरों की मिलीभुगत से हड़प कर लिया गया। हजारों राशन कार्ड होल्डरों में से 2 से 5 प्रतिशत लोगों को ही मिट्टी का तेल बांटा गया, जिसकी जांच होनी चाहिए अन्यथा वह जनहित में उपभोक्ता अदालत में फूड सप्लाई विभाग के खिलाफ शिकायत करेंगे।